लाल सागर और अरब सागर में हाल के समय में कई व्यापारिक जहाजों हमलों के बाद भारतीय नौसेना ने निगरानी बढ़ा दी है। खासकर ईईजेड इलाके में विशेष तौर पर निगरानी की जा रही है। नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि ‘हाल के समय में लाल सागर, अदन की खाड़ी और सेंट्रल और उत्तरी अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं। ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा और निगरानी के लिए भारतीय नौसेना ने कई कदम उठाए हैं।’
नौसेना ने समुद्र में तैनात किए अपने युद्धक जहाज
नौसेना ने बताया ‘डेस्ट्रॉयर और फ्रिगेट से लैस टास्क ग्रुपों की समुद्र में तैनाती की गई है। किसी भी जहाज पर हमले की स्थिति में ये टास्क ग्रुप तुरंत प्रतिक्रिया देंगे। साथ ही हवाई निगरानी के लिए लंबी दूरी के मेरीटाइम एयरक्राफ्ट पेट्रोलिंग कर रहे हैं। ईईजेड इलाके की प्रभावी तौर पर निगरानी की जा रही है। नौसेना, तटरक्षक बल के साथ समन्वय करके ऑपरेशन चला रही है।’ नौसेना ने बताया कि ‘हाल ही में भारत के ईईजेड इलाके के नजदीक जहाजों पर हमले हुए थे। एमवी रुएन जहाज भारतीय तट से करीब 700 नॉटिकल मील था, जब उसे समुद्री लुटेरों ने कब्जाने की कोशिश की। वहीं जब एमवी केम प्लूटो जहाज पर ड्रोन हमला हुआ तब वह भारत के पोरबंदर तट से करीब 220 नॉटिकल मील दूर था। नौसेना क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के लिए समर्पित है।’
क्या होता है ईईजेड
ईईजेड (EEZ) समुद्र में एक एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन होता है, जो आमतौर पर किसी भी देश की समुद्री सीमा से 230 नॉटिकल मील का इलाका माना जाता है। ईईजेड की समुद्री सीमा के प्रत्येक संसाधन पर उस देश का हक होता है। इस इलाके में घुसपैठ या हमला उस देश की संप्रभुता पर हमला माना जाता है।
हूती विद्रोहियों द्वारा जहाजों को बनाया जा रहा निशाना
उल्लेखनीय है कि इस्राइल हमास युद्ध शुरू होने के बाद से लाल सागर और अरब सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा कई व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया गया है। फलस्तीनियों के समर्थन में हूती विद्रोही इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिकी सेना ने शनिवार को ही लाल सागर में एक सिंगापुर के झंडे लगे व्यापारिक जहाज पर हमले की कोशिश को नाकाम किया। अमेरिकी सेना ने बताया कि 19 नवंबर से अब तक लाल सागर और अरब सागर के इलाकों में व्यापारिक जहाजों पर हमले की 23 घटनाएं हो चुकी हैं। जहां हमले हो रहे हैं, वह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट का हिस्सा है और यहां से दुनिया का बड़े पैमाने पर व्यापार होता है। खतरे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने लाल सागर और अरब सागर में अपने पांच युद्धक जहाज तैनात कर दिए हैं।