सोमवार रात एक भाई ने 12 लाख के जेवरों के लिए रिश्तों का कत्ल कर दिया। 20 दिन पहले बीमारी से चल बसी मां के जेवरों के बंटवारे को लेकर छोटे बेटे ने बड़े की चाकू से वार कर हत्या कर दी। छोटा बेटा सारे जेवर चाहता था लेकिन परिवार देने को राजी नहीं था। सोमवार शाम मौका पाकर उसने अलमारी से जेवर निकाले और बैग में भरकर भागने लगा।
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इस दौरान पहले भाभी और पिता से धक्कामुक्की हुई। जब बड़े भाई ने रास्ता रोका तो चाकू से वार कर मार डाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम बुलाकर जांच कराई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कानपुर में रावतपुर थाना क्षेत्र के मसवानपुर के मथुरानर स्थित जयहिंद स्कूल के करीब रहने वाले सुरेश वर्मा फील्ड गन फैक्ट्री के सामने पंचर की दुकान चलाते थे।
उनका बड़ा बेटा केतन वर्मा (29) लाटूश रोड स्थित एक्सिस बैंक में गार्ड था, जबकि छोटा बेटा चेतन वर्मा फील्ड गन फैक्टरी में संविदाकर्मी है। सुरेश ने बताया कि छह दिसंबर को उनकी पत्नी मीना देवी की बीमारी के चलते मौत हो गई। मरने से पहले मीना ने उनकी जानकारी में बड़े बेटे केतन की पत्नी निशा वर्मा को अपने करीब 12 लाख के जेवर सौंप दिए थे। चेतन शराब पीने का लती था और शुरू से ही मां के जेवरों पर नजर थी।
जेवर निकाले और बैग में भरकर भागने लगा
मां की तेरहवीं के दिन से ही उसने जेवरों को लेकर घर में विवाद शुरू कर दिया था। रोजाना का विवाद सोमवार उस समय बढ़ गया जब हत्यारोपी चेतन ने केतन की पत्नी निशा से जेवर मांगे। जेवर न देने पर शाम करीब सात बजे मौका पाकर उसने अलमारी से जेवर निकाले और बैग में भरकर भागने लगा। इस दौरान पिता सुरेश व निशा से बदसलूकी शुरू कर दी। इस बीच केतन ने चेतन को डांट कर रोक दिया, तो वह आग बबूला हो गया।
सिर पर लगी चोट और चाकू के वार से हुई मौत
पहले केतन को धक्का देकर गिरा दिया, जिससे उसका सिर घर में लगे सबमर्सिबल के पाइप से टकरा गया। इसके बाद चेतन किचन से चाकू ले आया और केतन के सीने में उतार दिया। केतन को निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां से उसे हैलट रेफर कर दिया गया। सिर पर लगी चोट और चाकू के वार से केतन की मौत हो गई। हमला करने के बाद चेतन मौके से फरार हो गया। एडीसीपी ने बताया कि आरोपी को कल्याणपुर के केशवरपुरम के पास से दबोच लिया गया है।
छुट्टी न होती, तो बच जाती जान
बैंक में गार्ड केतन रोजाना काम पर चला जाता था, इसलिए घर में होने वाले पिता-पुत्र के विवाद में उसका दखल नहीं रहता था। हालांकि रोजाना के गालीगलौज की जानकारी से दोनों भाइयों में तल्खी जरूर थी। रविवार और फिर सोमवार को छुट्टी के चलते वह दो दिन से घर पर था। इसी वजह से लगातार दो दिन तक चले संग्राम की वजह से उसका सब्र टूट गया और वह पिता से बदसलूकी पर बीच में बोल पड़ा और यही उसके लिए काल बन गया।
चिल्लाकर बोला- कर दी भाई की हत्या
हत्या के बाद केतन ने घर के अंदर ही भाई के खून से सने हाथ और चाकू को धोया। इसके बाद वह घर से बाहर निकला और मोहल्ले में चिल्ला-चिल्लाकर अपने भाई की हत्या का एलान किया। कहा कि बड़ा बनता था अब नहीं बोल पाएगा। इसके बाद वह घर के मोड़ पर ही एक गुमटी लगाने वाले पप्पू नाम के व्यक्ति को चाकू पकड़ाकर भाग निकला। पप्पू ने चाकू को नाले में फेंक दिया जिसे पुलिस ने बरामद कर पप्पू को भी हिरासत में ले लिया है।
सालभर पहले बच्चे की हो गई मौत
केतन की पत्नी निशा ने बताया कि पिछले साल 29 जून 2022 को उसको एक बच्चा हुआ था। हालांकि स्वास्थ्य सही नहीं होने की वजह से एक ही दिन बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद से वह मायूस रहने लगी थी। हालांकि सास से पटरी खाती थी, इसलिए सास मीना देवी ने जेवर संभालने को दे दिए थे।
चार साल पहले हुई थी लव मैरिज
केतन और निशा की चार साल पहले लव मैरिज हुई थी। मूल रूप से मसवानपुर के रहने वाले केतन के पिता कई भाई थे और छोटे घर में ज्यादा लोगों के होने की वजह से ही उन्होंने साल भर पहले गोविंदनगर निवासी मधुलिका के मथुरागनर स्थित मकान में किराये पर रहना शुरू कर दिया। निशा मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली है।
आए दिन होते थे परिवार में झगड़े
दूसरे माले पर रहने वाले किरायेदार राजकिशोर ने बताया कि परिवार में आए दिन झगड़े होते थे। चेतन आए दिन जोर जोर से चिल्लाकर गालीगलौज करता था। मीना देवी की मौत के बाद से तो धक्का मुक्की होती रहती थी। एक अन्य किरायेदार ने बताया कि एक बार उन्होंने आवाज देकर टोका तो चेतन उनसे भी लड़ने पर आमादा हो गया था।
पिता ने ही लगवाई थी संविदा पर नौकरी
हत्यारे चेतन के पिता लंबे समय तक फील्ड गन फैक्टरी के नजदीक पंचर की दुकान चलाते थे। वहीं से उनकी फील्ड गन में कई लोगों से जान पहचान हो गई। आउटसोर्स पर नौकरी निकली तो उन्होंने पहले बड़े बेटे केतन से पूछा। हालांकि केतन ने उस वक्त छोटे भाई चेतन को नौकरी दिलाने की बात कही थी। उसे क्या पता था कि जिस भाई को वह नौकरी तक दिलाने के लिए तैयार है, वह एक दिन उसकी जान ले लेगा।