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CBSE Board Exam: कक्षा 10 और 12 की साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने की योजना पर सहमति बन गई है। केंद्र अगले सत्र 2025-26 से सीबीएसई में नया पैटर्न लागू करने की तैयारी में है। नए पैटर्न की पहली बोर्ड परीक्षा जनवरी 2026 और इसी सत्र की दूसरी परीक्षा अप्रैल 2026 में होगी।छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ का स्वास्थ्य उपकरण खरीदी घोटाला, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के निर्देश
छात्र बेहतर रिजल्ट का इस्तेमाल कर सकेंगे
छात्रों के पास दोनों परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। छात्र चाहें तो दोनों या किसी एक परीक्षा में सुविधानुसार बैठ सकेंगे। दोनों परीक्षा देने वाले छात्र बेहतर प्रदर्शन के रिजल्ट का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं नए सिलेबस की किताबें आने में 2 साल का समय लगेगा। नयी किताबें आने के बाद सत्र 2026-27 से 8वीं, 10वीं एवं 12वीं कक्षा की नई किताबें उपलब्ध हो जाएंगी।विधायकों की तर्ज पर सरपंचों को मिलेगा टीए और डीए, 16 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से मिलेगा भत्ता
मंत्रालय ने 3 विकल्प दिए थे, 2 पर इनकार
- पहला: उच्च शिक्षा के सेमेस्टर सिस्टम की तरह साल में हर सेमेस्टर के अंत में आधे-आधे सिलेबस की एक परीक्षा ली जाए, जो सितंबर और मार्च में हो।
- दूसरा: अभी जिस तरह मार्च-अप्रैल की बोर्ड परीक्षा के बाद जुलाई में सप्लीमेंट्री एग्जाम होते हैं, उस समय सप्लीमेंट्री की जगह पूरी बोर्ड परीक्षा कराई जाए।
- तीसरा: जैसे जेईई मेंस के लिए जनवरी और अप्रैल में दो बार परीक्षाएं ली जाती हैं, उसी तरह समूचे सिलेबस की बोर्ड परीक्षाएं भी एक बार जनवरी तो दूसरी बार अप्रैल में आयोजित हों।नौ बच्चों को पढ़ाने के लिए 70 लाख खर्च कर रहा शिक्षा विभाग, जानिए पूरा मामला
10 हजार से अधिक स्कूल प्रिंसिपल से ली राय
मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस पर देशभर के 10 हजार से अधिक स्कूल प्रिंसिपल के साथ ऑनलाइन और फिजिकल मीटिंग में राय ली है। अधिकांश प्रिंसिपल तीसरे विकल्प पर सहमत हैं। सेमेस्टर सिस्टम को ज्यादातर प्रिंसिपल ने खारिज कर दिया। प्रिंसिपल्स से अपने विचार लिखित में जमा करने के लिए कहा गया है।IPS अफसरों के प्रमोशन को हरी झंडी, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता जल्द बनेंगे डीजी
2025-26 में पुराने सिलेबस पर होंगी परीक्षाएं
नए सिलेबस पर आधारित कक्षा-10 और 12 की किताबें आने में 2 साल लगेंगे। यह किताबें 2026-27 के सत्र में ही उपलब्ध हो सकेंगी। इसलिए 2025-26 की बोर्ड परीक्षाएं पुराने सिलेबस और किताबों पर ही आयोजित की जाएंगी। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को नए पैटर्न के साथ सहजता से जुड़ने का पर्याप्त समय मिले।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ को मिला सम्मान