चक्रवात रेमल के बाद मूसलाधार बारिश, तूफान और भूस्खलन ने पूर्वोत्तर भारत में हाहाकार मचा दिया। अब तक 27 लोगों की मौत की खबर है। कई लोग लापता हैं। मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं दूसरी ओर, उत्तर भारत प्रचंड गर्मी का सामना कर रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में तापमान 50 डिग्री के पास पहुंच गया
पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और भूस्खलन के कारण कई लोगों की मौत हुई है। कई लापता हैं। ऐसे में संख्या बढ़ने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
असम में चक्रवात ‘रेमल’ के बाद तेज हवा के साथ भारी बारिश होने से मंगलवार को अलग-अलग घटनाओं में एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 18 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि नगांव, होजई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज में भारी बारिश और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ खराब मौसम जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूर्वी बांग्लादेश में तूफान 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्व-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहा है और आज रात तक इसके कमजोर पड़ने की आशंका है।
कामरूप जिले के सतगांव इलाके के नवज्योति नगर में मिंटू तालुकदार (19 वर्षीय) की मौत हो गई। उनके घर पर एक पेड़ गिर गया और उनके पिता भी घायल हो गए। जिले में एक महिला लबान्या कुमारी (60 वर्षीय) पर पेड़ गिर जाने से घायल हो गईं। बाद में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि लखीमपुर जिले के गुरुकामुख में एनएचपीसी की लोअर सुबनसिरी पनबिजली परियोजना में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में पुतुल गोगोई नाम के एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। इसी तरह मोरीगांव जिले के दिघलबोरी में एक ऑटोरिक्शा पर पेड़ गिर जाने से उसमें सवार कॉलेज छात्र बोरदोलोई एम्फी (17 वर्षीय) की मौत हो गई।
त्रिपुरा: मूसलाधार बारिश और तूफान से बेघर हुए 746 लोग
त्रिपुरा में चक्रवात रेमल के बाद मूसलाधार बारिश और तूफान के कारण 746 लोग बेघर हो गए हैं। राज्य के एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि चक्रवात ने बिजली और कृषि क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है, जिससे कुल 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खड़ी फसलों और बिजली क्षेत्र को नुकसान पहुंचने के बावजूद राज्य में चक्रवाती तूफान के कारण कोई इंसान हताहत नहीं हुआ। चौधरी ने बताया कि कई निचले इलाकों में बाढ़ आई है, जिससे 746 लोग बेघर हो गए हैं, जिन्हें 15 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
मूसलाधार बारिश से पूर्वोत्तर में हाहाकार – फोटो : पीटीआई
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर त्रिपुरा में सोमवार से 215 मिमी बारिश दर्ज की गई। चौधरी ने बताया कि बारिश के कारण राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। स्थिति को सामान्य बनाने के लिए प्रशासन चौबीसों घंटे काम कर रहा है।
मूसलाधार बारिश के बाद का दृश्य – फोटो : पीटीआई
मिजोरम: पत्थर की खदान ढहने से 14 की मौत, 8 लापता
उधर, मिजोरम में चक्रवात रेमल के बाद भूस्खलन और लगातार बारिश के चलते मंगलवार को पत्थर खदान ढहने से 14 लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन के बाद कई लोग लापता हो गए। भूस्खलन के कारण राज्य का राजधानी क्षेत्र कई घंटों तक देश के बाकी हिस्सों से कटा रहा। मिजोरम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमएसडीएमए) ने कहा कि आइजोल जिले में एक पत्थर खदान के ढह जाने से दो नाबालिगों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। करीब आठ अन्य लोग लापता हो गए।
प्रभावित स्थलों का दौरा करते अधिकारी – फोटो : पीटीआई
एक अधिकारी ने बताया कि मिजोरम में आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्टहुम और हलीमेन के बीच एक इलाके में सुबह करीब छह बजे पत्थर खदान ढहने की घटना हुई। एमएसडीएमए ने कहा कि भूस्खलन के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिससे कम से कम 22 लोग मलबे के नीचे दब गए। अब तक 14 शव बरामद किए गए हैं और करीब आठ लोग अब भी लापता हैं।
बारिश के बाद भूस्खलन – फोटो : पीटीआई
नगालैंड में चार की मौत; मेघालय में दो लोगों की गई जान-500 से ज्यादा घायल
नगालैंड में चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 40 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा। उधर, मेघालय में भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक घायल हो गए।
उधरआसमान से बरसती आग से उत्तर भारत उबलने लगा है। राजस्थान के चूरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है। अन्य शहरों में भी तापमान 48-49 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया है। दिल्ली में भी पारा 50 डिग्री को छूने की और है। वहीं, यूपी के झांसी में दिन का पारा 49 डिग्री रहा। आगरा में तापमान 48.6 और वाराणसी में 47.6 डिग्री रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, यूपी में मई माह में इतनी तपिश कभी नहीं रही।
पहाड़ी राज्यों में भी गर्मी कहर ढा रही है। जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया है। इसके चलते स्कूलों में छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी। हिमाचल के ऊना में पारा 44 डिग्री को पार कर चुका है।
जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि मंगलवार को चूरू देश में सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 50.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो इस सीजन में सबसे अधिक है। इससे पहले यहां एक जून, 2019 को पारा 50.8 डिग्री दर्ज किया गया था। चूरू के अलावा राजस्थान के गंगानगर में तापमान 49.4, पिलानी और झुंझुनू में 49, बीकानेर में 48.3, कोटा में 48.2, जैसलमेर में 48 और जयपुर में 46.6 डिग्री दर्ज किया गया। पिलानी में इससे पहले 2 मई, 1999 को अधिकतम तापमान 48.6 डिग्री दर्ज किया गया था। राज्य सरकार ने बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने को कहा है।
अभी दो दिन नहीं मिलेगी लू से राहत
मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी के तीन केंद्रों पर तापमान 50 डिग्री के पास पहुंच गया। मुंगेशपुर व नरेला में अधिकतम तापमान 49.9 व नजफगढ़ में 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने कहा कि अभी कम से कम दो दिन प्रचंड गर्मी और लू से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है।
दिल्ली में गर्मी के कड़े तेवर से झुलस रहे लोग
दिल्ली में गर्मी के कड़े तेवर से लोग झुलसने को मजबूर हैं। मंगलवार को तो दिल्ली के मौसम विभाग के तीन केंद्रों पर तापमान 49 डिग्री से अधिक होने के कारण पचास डिग्री की तपिश महसूस हुई।
मुंगेशपुर व नरेला में अधिकतम तापमान 49.9 और नजफगढ़ में तापमान 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली के मानक केंद्र सफदरजंग में तापमान पांच डिग्री अधिक 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 57 साल के इतिहास में पहली बार मंगलवार को आयानगर और 51 साल में रिज में तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया।
आयानगर के 1967 से 2023 तक के अधिकतम तापमान के आंकड़े को देखें तो 28 मई 1988 को 47.4 डिग्री और 11 जून 2019 को तापमान 47 दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार को 47.6 दर्ज किया गया। वहीं, रिज में मंगलवार को तापमान 47.5 दर्ज किया गया, जो ऑल टाइम रिकॉर्ड बना। रिज के 1973 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार 16 मई 2022 को तापमान 47.2 और 7 जून 2014 को तापमान 46.3 डिग्री दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी में सफदरजंग मानक केंद्र है। मंगलवार को यहां तापमान 45.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान बीते चार साल में दूसरा बार सबसे अधिक है। 27 मई 2020 को सफदरजंग में तापमान 46 डिग्री दर्ज किया गया था। ऑल टाइम रिकॉर्ड की बात करें तो 1931 से 2023 तक सफदरजंग में 29 मई, 1944 को तापमान 47.2 और 17 जून 1945 को तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया था।
पश्चिमी विक्षोभ से दो दिन बाद मामूली राहत
मौसम विभाग के अनुसार अभी दो दिन तक ऐसी ही गर्मी बनी रहेगी। बुधवार को भी गर्मी व लू का रेड अलर्ट है। इस दौरान तापमान 46 डिग्री रहने की संभावना है। जबकि दिन में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। दिन में 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटा की हिसाब से धूल भरी हवाएं चलेंगी। 30 मई को भी लगभग ऐसी स्थिति रहेगी। शाम से मौसम में बदलाव होगा।
- पश्चिमी विक्षोभ के कारण 31 मई व एक जून को तापमान में दो से तीन डिग्री की मामूली गिरावट होगी। विभाग ने 31 मई व एक जून को मामूली बारिश व धूल भरी हवाएं चलने की संभावना जताई है। जून के पहले सप्ताह तक भले ही तापमान दो से तीन डिग्री कम हो जाए, लेकिन गर्मी 45 डिग्री से अधिक वाली ही महसूस होगी।
बुंदेलखंड में लू और बुखार से 12 की मौत
कानपुर। बुंदेलखंड में तेज धूप व गर्म हवाओं के चलते लू और बुखार की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत महोबा, तीन की हमीरपुर और दो की बांदा में हुई। वहीं, चित्रकूट में एक व्यक्ति की जान चली गई। संवाद
यूपी में सारे रिकॉर्ड टूटे
यूपी में गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। झांसी में पारा 49 डिग्री पहुंच गया, जो 132 वर्ष में सर्वाधिक है। आगरा, हमीरपुर व प्रयागराज में पारा 48.2, कानपुर व वाराणसी में 47.6 और फतेहपुर में 47.2 डिग्री रहा जो मई महीने का अब तक का रिकॉर्ड है।
सप्ताहांत में बारिश के आसार
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में बृहस्पतिवार को पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बनने की उम्मीद है, जिससे सप्ताहांत में इस क्षेत्र में बारिश हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी।