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December 30, 2024 10:41 pm

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साय सरकार का एक और बड़ा निर्णय, थोक में विदेशी शराब खरीदी की लायसेंसी व्यवस्था को किया खत्म

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रायपुर। शराब के कारोबार को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए आज विष्णु देव साय की सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है. आज आयोजित कैबिनेट की बैठक में विदेशी शराब की थोक खरीदी के लिए लायसेंसी-व्यवस्था को समाप्त करते हुए शराब निर्माताओं से सीधे शराब की खरीदी करने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को जिम्मेदारी दी गई है.

बता दें कि राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने सत्ता में आते ही पिछली सरकार पर लगे व्यापक भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों की जांच शुरू कर दी थी, साथ ही सभी क्षेत्रों में पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा राज्य के नागरिकों से किया था. पिछली सरकार पर जिन घोटालों के गंभीर आरोप लगे थे, उनमें शराब घोटाला प्रमुख था. कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई आबकारी नीति में संशोधन कर एफएल-10 लायसेंस का नियम बनाया और अपने चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया. इससे राज्य में जहां अवैध शराब, नकली शराब की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी वहीं नकली होलो ग्राम चिपकाकर बोतलों की स्कैनिंग किए बिना घटिया शराब बेची गई. इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ और शराब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी गंभीर क्षति हुई.

राज्य में शराब कारोबार में मनमानी पर अंकुश लगाने के क्रम में भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव साय सरकार ने हाल ही में शराब कांउटरों पर यूपीआई के माध्यम से भुगतान सुविधा शुरू की है, ताकि शराब की मनमानी कीमत पर बिक्री पर रोक लगाई जा सके और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपभोक्ताओं को मिल सके. इसके बाद आज कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय से विदेशी शराब की खरीदी के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की पुरानी व्यवस्था को फिर से स्थापित कर दिया गया है. इसके मुताबिक विदेशी शराब की खरीदी सरकार एजेंसी द्वारा की जाएगी और उसी की आपूर्ति शराब कांउटरों पर की जाएगी. इससे जहां उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलना सुनिश्चित होगा, वहीं वे अपनी पसंद के ब्रांड के उत्पाद हासिल कर सकेंगे.

Anash Raza
Author: Anash Raza

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