हाइलाइट्स
22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन होगा.
RSS ने 10 करोड़ लोगों त राम-संदेश पहुंचाने की योजना बनाई है.
Madhuparna Das/नई दिल्लीः एक तरफ जहां राम मंदिर को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी तरफ पूरे भारत वर्ष में राम मंदिर के निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठान को लेकर जन-जन तक संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के ग्रामीण इलाकों में घर-घर तक राम जन्मभूमि संदेश पहुंचाने के अपने प्रयास में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक ‘डोर-टू-डोर’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है. RSS के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने News18 को बताया कि संगठन अपने स्वयंसेवकों की छोटी-छोटी टीमें बनाएगा. इस दौरान करीब 10 करोड़ लोगों के बीच ‘राम कथा’ का प्रसार किया जाएगा. साथ ही 22 जनवरी को अयोध्या में ‘राम लला’ के प्राणप्रतिष्ठा उत्सव में शामिल होने के लिए सभी लोगों को निमंत्रण दिया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में भुज में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों की समन्वय बैठक के बाद, आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक राज्यों में घरों तक पहुंचेंगे. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस कार्यक्रम को हिंदुओं को एकजुट करने वाला कार्यक्रम बताया है. आरएसएस ने राष्ट्रीय कथा को अयोध्या, राम और राम जन्मभूमि के इर्द-गिर्द घुमाने के लिए पहले ही कई पहल की है.
सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक मोर्चों के प्रभावशाली लोगों तक पहुंचने के अलावा, संगठन ने राम-सीता और इस देश की संस्कृति से संबंधित महत्वपूर्ण लोगों के भाषणों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है. वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर अभियान पहले ही शुरू हो चुका है. आरएसएस आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से कांग्रेस सहित विपक्ष के सभी राजनीतिक अभियानों का मुकाबला करने की भी योजना बना रहा है. एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, जाति जनगणना कराने और इस मुद्दे को चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में लाने का विचार हिंदुओं को जाति के आधार पर विभाजित करने की एक ‘चाल’ जैसा लगता है.
पदाधिकारी ने कहा कि आरएसएस ने हमेशा ऐसे समाज के लिए प्रचार किया है, जहां कोई जाति विभाजन नहीं होगा. उन्होंने कहा, “जातिगत भेदभाव बुरा है और हमने इसे हमेशा बनाए रखा है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने अपने सभी भाषणों में इसका उल्लेख किया है और धर्मांतरण के लिए जातिगत पूर्वाग्रह को भी जिम्मेदार ठहराया है. भगवान राम जाति में विश्वास नहीं करते थे, उन्होंने कभी लोगों को नहीं बांटा. हम सभी के लिए एक मंदिर एक शमसान (एक मंदिर, एक श्मशान) के बारे में प्रचार कर रहे हैं.”
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Tags: Ayodhya ram mandir, RSS
FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 11:57 IST