छत्तीसगढ़ सरकार अगले सत्र से आरटीई के नियम में संशोधन कर सकती है,जिसके अंतर्गत पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षा होगी और पहले से लेकर आठवीं तक पास – फेल करने का नियम में बदलाव की क़वायद चल रही है।
शिक्षा विभाग ने खुद अपना आंतरिक सर्वे किया था जिसमें उन्हें यह ज्ञात हुआ कि बच्चों का अध्ययन के प्रति रुचि घट रही है और शिक्षक भी दबे आवाज़ में फेल न करने की नीति का विरोध करते है क्यूंकि उसका खामियाज़ा उन्हें और बच्चों को भुगतना पड़ता है, साथ में पालक भी निश्चित हो जाते हैं कि उनका बच्चा तो पास हो रहा है जिससे पालक का ध्यान बच्चों से हट जा रहा है, जिससे कहीं न कहीं शिक्षा के गुणवत्ता में भारी गिरावट देखने को मिली है और कमजोर बच्चें दसवीं बारहवीं में अक्सर फेल हो जाते है, जिससे रिजल्ट काफ़ी ख़राब आता है।
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे सुधारने का एक कवायद चालू किया है जिसके तहत उन्होंने अपने अधिकारियों को एक मीटिंग लेकर RTE का अध्ययन करने और क्या सुधार हो सकता है जिससे गुणवत्ता सुधरे उस पर कार्य करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। पूर्व शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी फेल न करने वाली नीति का विरोध किया था और पांचवी आठवीं का बोर्ड एग्जाम लेने की बात कही थी। इसके लिए नीति में संशोधन करने की बात कहीं थी। संभावना है कि अगले सत्र से सुधार करते हुए 1लीं – 8वीं तक फेल करने कि सुधारयुक्त नीति लागू हो जाए।