सहायक शिक्षक अपने वेतन विसंगति की मांग पर कितने सीरियस हैं….
सहायक शिक्षक फेडरेशन क्या वेतन समिति के मुद्दे पर सीरियस है, वेतन विसंगति के निदान के मुद्दे पर हमेशा आगे रहती है और आंदोलन करने की बात करती है लेकिन क्या वह हमेशा अपनी रणनीति पर खरी उतरती है या नहीं, इसकी बात तो सहायक शिक्षक ही बता पाएंगे। जब उनकी बैठक हुई है और आंदोलन का एक प्रारूप बना है तो क्या सहायक शिक्षक जिनका प्रमोशन नहीं हुआ है जो क्रमोन्नति से वंचित है क्या वह खुद से सवाल करेंगे कि इस आंदोलन का क्या हुआ?
प्रांतीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था…
पिछली बार प्रांतीय बैठक हुई थी, जिसमें सभी प्रांतीय टीम और जिला अध्यक्षों के द्वारा आपसी चर्चा की गई थी कि 5 सितंबर से पूर्व अगर मोदी के गारंटी के तहत वेतन विसंगति का वर्तमान सरकार द्वारा किया गया वादा था उसे पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट के मंत्रियों से मिला जाएगा और वेतन विसंगति का निदान करने का आग्रह और अपील किया जाएगा। अगर सरकार वेतन विसंगति का निदान करते हैं तो 5 सितंबर को शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और अगर किसी वजह से बात नहीं बन पाती है तो छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन शिक्षक दिवस के दिन मोदी के गारंटी के विषय में एक नए आंदोलन कि शुरुआत किया जाएगा और विचार संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा।जिस पर वह सभी को बताया कि हमारी मांग कितनी ज्यादा जरूरी है?
समिति बना कर जिम्मेदारी दी गई थी….क्या आंदोलन स्थगित कर दी गई है?
इस प्रांतीय बैठक में फेडरेशन ने कई समितियां का गठन किया गया था जिसमें कोर कमेटी डेलिगेशन कमेटी ड्राफ्ट कमेटी अनुशासन कमेटी और इस कमेटी में प्रदेश पदाधिकार को स्थान देकर के उनके जवाब दिखाई तय की गई थी फेडरेशन ने जो आंदोलन तय किया था उसके तहत में संकुल ब्लॉक और जिला में बैठकर भी कार्यक्रम में आयोजित किया था जिसमें संकुल की जो बैठक थी वह 10 अगस्त को किया जाना था और 17 अगस्त को ब्लॉक स्तर पर बैठक किया जाना था 24 अगस्त को जिला कार्यक्रम की बैठक जिला मुख्यालय में किया जाना था।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन की प्रदेश स्तरीय बैठक राजधानी में हुई थी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा के अध्यक्षता में प्रदेश पदाधिकारी एवं विभिन्न जिला के जिला अध्यक्ष शामिल हुए थे और इस मौके पर उन्होंने मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षकों से किया वादा पूरा करने हेतु रणनीति बनाई थी। इसके दौरान चर्चा हुई थी कि वर्तमान सरकार वेतन विसंगति ज़ो मोदी की गारंटी में शामिल था, उसे समय रहते दूर नहीं की जाती है तो 5 सितंबर को सहायक शिक्षक एक अनोखा आंदोलन करेगा, ऐसा दावा किया गया था।
यह बात भी सच है कि समय-समय पर छत्तीसगढ़ में शिक्षा कर्मियों ने कई आंदोलन किए हैं और जिसके तहत उनका संविलियन भी हुआ था और इस के तहत आज उसने काफी ज्यादा आर्थिक लाभ भी हुआ है, लेकिन कई बार यह देखा भी गया है सोशल मीडिया में चर्चा हुआ है और अन्य जगहों पर की जो सहायक शिक्षक है वह अपने मांग से अभी तक संतुष्ट नहीं हुए हैं और वह अपने वेतन विसंगति का निदान चाहते हैं जिसके लिए वह पुराने जो संगठन से उनसे काफी उम्मीदें लगा कर रखे हुए थे लेकिन जब उनसे उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ तो उन्होंने सहायक शिक्षक फेडरेशन की स्थापना की थी जिसके फिलहाल अभी मनीष मिश्रा अध्यक्ष हैं। और वह हमेशा सहायक शिक्षक के मांग के लिए चर्चाओं में बने रहते हैं। क्या यह प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दी गई है?