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हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। अत: वैशाख पूर्णिमा 23 मई को पड़ रही है। इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा तिथि को हुआ था। कहा जाता है कि इसी दिन ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण हुआ था। इसलिए हर साल वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर बुद्ध जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। इस दिन लोग गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। पूजा-पाठ और दान-पुण्य भी किए जाते हैं। आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग।
बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के अवसर पर मनाई जाती है. इस दिन संसार के कोने-कोने में रहने वाले बुद्ध के अनुयायी व बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग गौतम बुद्ध की पूजा करते हैं. हर साल वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन ही बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. इस साल 5 मई के दिन बुद्ध पूर्णिमा पड़ रही है. बुद्ध पूर्णिमा से गौतम बुद्ध के जीवन की कहानी जुड़ी हुई है. सिद्धार्थ गौतम का जन्म शाक्य कुल के राजा व रानी सुधोधन व माया के घर हुआ था.
सिद्धार्थ गौतम (Siddhartha Gautam) के जन्म पर यह भविष्यवाणी हुई कि बड़े होने के बाद वे बड़े शासक बनेंगे या फिर साधू बनेंगे. अपने पुत्र को खोने के डर से गौतम बुद्ध के पिता ने उन्हें संसार की असलियत से 29 सालों तक दूर रखा. अपने महल के बाहर पहली बार कदम रखने पर गौतम बुद्ध को एक बूढ़ा आदमी, एक बीमार आदमी और एक मृत आदमी दिखा. गौतम बुद्ध जिंदगी के दुख-दर्द को समझ गए और ज्ञान अर्जित करने के लिए अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ ध्यान करने निकल गए.
गौतम बुद्ध को बोधी पेड़ के नीचे ही ज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति हुई. इससे बाद की जिंदगी गौतम बुद्ध ने जगह-जगह यात्रा कर और लोगों को निर्वाण समझाते हुए बिताई और 80 वर्ष की उम्र में दुनिया से चले गए.
बुद्ध पूर्णिमा मनाने के मकसद की बात करें तो बौद्ध धर्म शांति (Peace), अहिंसा और एकता के सिद्धांत पर आधारित है. यह दिन जन्म और मृत्यू से पार पा चुके गौतम बुद्ध के सम्मान के लिए मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंदिरों और बौद्ध मठों में पूजा और ध्यान आदि भी होता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन एक बर्तन में पानी और फूल भरकर बुद्ध के समक्ष रखा जाता है. श्रद्धालु इस दिन शहद, मोमबत्ती, फल और फूल अर्पित करते हैं. कई देशों में मुक्ति के भाव को प्रकट करने के लिए श्रद्धालु पिंजरे में कैद चिड़िया, जानवरों और कीड़े-मकौड़ों को आजाद भी करते हैं.
बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा 22 मई को शाम 6.47 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 मई को शाम 7.22 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी।
ज्योतिषियों के मुताबिक, बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रवास योग बन रहा है। इस योग का प्रशिक्षण शाम 07:09 बजे तक रहेगा। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में बताया गया है कि भद्रा के पाताल और स्वर्ग लोक में रहने के दौरान मनुष्य का कल्याण होता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय : सुबह 05:26 मिनट पर।
- सूर्यास्त : शाम 07:10 मिनट पर।
- चन्द्रोदय : शाम 07:12 मिनट पर।
पंचांग
- ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:04 मिनट से 05:45 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:35 मिनट से 03:30 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:08 मिनट से 07:29 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:57 मिनट से 12:38 मिनट तक।
अशुभ समय
- राहुकाल : दोपहर 02:01 मिनट से 03:44 मिनट तक।
- गुलिक काल : दोपहर 08:52 मिनट से 10:35 मिनट तक।
- दिशा शूल : दक्षिण