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Magha Purnima 2025: पूर्णिमा का त्योहार हर महीने के शुक्ल पक्ष के आखिरी दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूर्णिमा तिथि को बलिष्ठ और सौम्य तिथि भी कहा जाता है, इस दिन चंद्रमा अपने पूरे प्रभाव में रहता है, इसलिए इस दिन को फूल मून भी कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से पूर्णिमा को व्रत, पूजा, ध्यान और दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूर्णिमा व्रत 2025
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 फरवरी , सायं 06:56 से
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त – 12 फरवरी, सायं 07:22 तक
पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व
पूर्णिमा तिथि के वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो उसके अनुसार इस दौरान सूर्य और चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल अधिक होता है, इस वजह से समुद्र में ऊंचे ज्वार बनते हैं। पूर्णिमा का दिन आयुर्वेद में भी खास माना गया है। इस समय को मन, शरीर और आत्मा के संतुलन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों में माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम प्रयाग में स्नान करने से भक्तों को सकारात्मक फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस खास दिन पर जरूरतमंद लोगों को दान करने को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से भी व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है।
पूर्णिमा व्रत करें इन देवी-देवता की पूजा
पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में शांति और समृद्धि आती है। यह दिन ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा हासिल करने का यह सबसे अच्छा समय है। गरीबों को भोजन, कपड़े और पैसे का दान करना पुण्य मिलता है। इस दिन अन्न और जल दान करने का विशेष महत्व है।
माघ पूर्णिमा व्रत पूजा विधि
- माघ पूर्णिमा पर सुबह सूर्योदय से पहले उठें।
- फिर वे किसी पवित्र नदी या कुएं जैसे जल स्रोत में स्नान करें।
- अगर यह संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को जल देते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं।
- इस दिन भगवान मधुसूदन की पूजा करने की परंपरा है।
- पूजा के बाद, गरीबों और ब्राह्मणों को खाना खिलाते हैं और उनकी मदद करते हैं।
- इस प्रकार भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त की जा सकती है।