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October 31, 2024 7:48 am

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Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी से आई बड़ी खुशखबरी! नई जिंदगी से अब 5-6 कदम दूर हैं मजदूर, तेजी से हो रही ड्रिलिंग, यह है नया अपडेट

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड (Uttarakhand Tunnel Rescue) के उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Resue) की सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में 41 मजदूर 16 दिन से फंसे हैं और आज यानी 17वें दिन राहत की खबर मिलती दिख रही है. सुरंग में फंसे 41 मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच दूरी कम होती दिख रही है और यह फासला अब केवल 5-6 मीटर का बच गया है. एक्सपर्ट की मानें तो सुरंग की खुदाई में आगे भी किसी तरह की बाधा की संभावना नहीं दिख रही है. खुद माइक्रो टनल एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा है कि अभी तक 50 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है औ यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. इतना ही नहीं, वह बाकी बचे 5-6 मीटर को लेकर भी काफी पॉजिटिव हैं.

50 मीटर पार हो गया ड्रिलिंग का काम
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में एक सवाल के जवाब में माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा, “…कल रात यह (ड्रिलिंग का काम) बहुत अच्छा हुआ. हम 50 मीटर पार कर चुके हैं. अब लगभग 5-6 मीटर (ड्रिलिंग) बाकी है…कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं आई थी. यह काफी पॉजिटिव लग रहा है.’ उन्होंने माना कि 50 मीटर ड्रिलिंग का काम पूरा होना अपने आप में बड़ा अचीवमेंट है. बता दें कि ऑगर मशीन के खराब होने के बाद रेस्क्यू टीम ने मैनुअल ड्रिलिंग का सहारा लिया और इसी के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश जारी है. इसके अलावा वैकल्पिक रास्ते के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी जारी है.

वर्टिकल ड्रिलिंग से भी रास्ता हो रहा तैयार
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान के 16वें दिन सोमवार को मलबे को ‘रैट होल माइनिंग’ तकनीक से साफ करने के लिए विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया. इस बीच, वैकल्पिक रास्ता तैयार करने हेतु सुरंग के ऊपर से की जा रही लंबवत ‘ड्रिलिंग’यानी वर्टिकल ड्रिलिंग भी 36 मीटर तक पहुंच गई है. अधिकारियों ने यहां बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में शेष बचे 10-12 मीटर के मलबे को साफ करने के काम में ‘रैट होल माइनिंग’ के इन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.

ऑगर मशीन खराब होने से रेस्क्यू में आई थी बाधा
इससे पहले सुरंग में क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ कर रही 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के शुक्रवार को मलबे में फंस जाने के बाद बचाव दलों ने वैकल्पिक रास्ता बनाने के लिए रविवार से लंबवत ‘ड्रिलिंग’ यानी वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की. बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने सिलक्यारा में मीडिया को बताया कि तड़के तक मलबे के अंदर फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाल दिया गया. उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन का हेड (सिरा) भी पाइप के अंदर फंसा हुआ था और अब उसे भी हटा दिया गया है.  हालांकि, उन्होंने कहा कि मशीन के ‘हेड’ को निकालने के लिए कुल 1.9 मीटर पाइप को भी काटना पड़ा.

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12 नवंबर से फंसे हैं 41 मजदूर
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसके कारण उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पी के मिश्र ने सोमवार को सिलक्यारा पहुंचकर पिछले दो सप्ताह से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने सुरंग के अंदर चल रहे बचाव कार्य की बारीकियों को समझा और अधिकारियों के साथ ही इस काम में जुटे इंजीनियर और श्रमिकों से बात करके उनका हौसला बढ़ाया.

Tags: Uttarakhand news, Uttarkashi News

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Author: Khabar Gatha

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