केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शनिवार को कई अहम एलान हुए। इनमें सबसे बड़ा फैसला एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर रहा। सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई इस योजना में कई बड़े एलान हैं। यूपीएस की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की तरह ही सरकारी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि मिलेगी। हालांकि, इसके लिए कई मानक और नियम भी तय किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने को मंजूरी दे दी।”आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सुनिश्चित पेंशन प्रदान करने वाली सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है।
50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला स्तंभ है, दूसरा स्तंभ सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन होगी, केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) से लाभान्वित होंगे।कर्मचारियों के पास एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प होगा।इस साल एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की।
मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित यूपीएस सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देता है:वैष्णव ने कहा कि सुनिश्चित पेंशन योजना, न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का आश्वासन देती है।
पारिवारिक पेंशन योजना के तहत पेंशनभोगी के परिवार को उनकी मृत्यु के समय मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। न्यूनतम पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों को न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति के बाद 10,000 रुपये प्रति माह सुनिश्चित करती है। वर्तमान पेंशन योजना के अनुसार, कर्मचारी 10 प्रतिशत का योगदान करते हैं जबकि केंद्र सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है, जिसे यूपीएस के साथ बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा।