इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस ने एक फेक वीजा सिंडिकेट का भंड़ाफोड़ किया है. यह सिंडिकेट राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके चल रहे IELTS कोचिंग की आड़ में चलाया जा रहा था.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस कोचिंग के मालिक प्रदीप कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है. आरोपी प्रदीप कुमार वर्मा की निशानदेही पर उसके सहयोगी आशीष शर्मा नामक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त ऊषा रंगनानी के अनुसार, इस मामले की शुरूआत लवप्रीत सिंह नामक शख्स की गिरफ्तारी के साथ हुई थी. दरअसल, लवप्रीत सिंह को कनाडा के फर्जी वीजा के साथ आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के दौरान, आरोपी लवप्रीत सिंह ने बताया कि वह अपनी जिंदगी बेहतर बनाने के मकसद से टोरंटो जाना चाहता था. इसी बीच, उसकी मुलाकार प्रदीप कुमार वर्मा नामक एक शख्स से हुई.
25 लाख रुपए में हुई थी कनाडा भेजने की बातडीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि प्रदीप ने लवप्रीत को भरोसा दिलाया कि वह उसकी कनाडा भेजने में मदद कर सकता है. हालांकि, इस काम के एवज में 25 लाख रुपए खर्च करने होंगे. अपना सपना सच होता देख लवप्रीत ने 25 लाख रुपए देने के लिए हांमी भर दी. डील के तहत लवप्रीत ने 12 लाख रुपए का भुगतान प्रदीप को कर दिए. इसके बाद, दोनों के बीच तय हुआ कि 13 लाख रुपए का भुगतान टोरंटों पहुंचने के बाद हो जाएगा.
लवप्रीत के खुलासे के बाद पुलिस ने प्रदीप की तलाश शुरू कर दी. प्रदीप की गिरफ्तारी के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के एचएचओ विजेंद्र राणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर सुमित कुमार, महिला सब इंस्पेक्टर मंजू और कॉन्स्टेबल महेंद्र शामिल थे. पुलिस ने ह्यूमन और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस के आधार पर प्रदीप कुमार वर्मा के द्वारका स्थिति ठिकाने पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
कनाडा का फर्जी वीजा मुहैया कराने वाले दो गिरफ्तारडीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, पूछताछ में आरोपी प्रदीप कुमार वर्मा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने पूछताछ में बताया कि वह पिछले पांच वर्षों से द्वारका में एक कोचिंग सेंटर चला रहा है. इस कोचिंग में विदेश जाने का सपना देख रहे बच्चों को आईईएलटीएस परीक्षा की तैयारी कराई जाती थी. साथ ही, उनके जाल में फंसने वाले बच्चों के लिए टिकट की बुकिंग भी करता था.
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से टिकट बुक किया था और लवप्रीत को टोरंटो भेजने में उसकी मदद की थी. उसने बताया कि उसने एक एजेंट आशीष और उसके सहयोगियों की मदद से अपने पासपोर्ट पर कनाडा का नकली वीजा भी लगवाया था. आरोपी प्रदीप ने खुलासा किया कि उसने आसानी से पैसा कमाने के लिए भोले-भाले लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया था. पुलिस ने आरोपी प्रदीप वर्मा की निशानदेही पर सह-आरोपी एजेंट आशीष को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है.