स्व.जगदेवराम जी एक ध्येयनिष्ठ स्वयंसेवक एवं कर्त्तव्यनिष्ठ समर्पित कार्यकर्ता थे। अत्यन्त ही सादा, सरल जीवन एवं उच्च विचार के धनी थे। कल्याण आश्रम के लिए अपना सारा जीवन समर्पित कर दिये थे।
पूज्य बालासाहब जी के समान उनका कल्याण आश्रम एवं वनवासी समाज के बारे में सोंचना, विचारना, कार्य करना और अनुभव के आधार पर अपने विचारों से समाज को, कार्यकर्त्ताओं को मार्गदर्शन करना ये सब गुण पूज्य बालासाहब देशपाण्डे जी के साथ सतत् 15 वर्षों तक साथ में रहकर अपने तप तपस्या के द्वारा विरासत के रूप में उन्होंने पाए थे।
उसी विरासत के आधार पर जगदेवराम ने कल्याण आश्रम के कार्य को देश में एक विशिष्ट ऊंचाई तक पहुंचाया। अनेक कार्यकर्ताओं ने जगदेवराम जी के अद्भुत व्यक्तित्व को नजदीक से देखा है।
भीतर जिनका थाह नहीं,
बाहर दिखे गंभीर।
गहरे वाणी पैठ के
जानै साे मतिधीर।।
ऐसा श्रद्धेय जगदेव राम जी का व्यक्तित्व था। आज भी कभी समस्या आयी तो उनके स्मरण मात्र से मार्ग मिलता है, यह हम सबका अनुभव है।
![Amit Soni](https://khabargatha.com/wp-content/uploads/2024/06/DSC_5170_uwp_avatar_thumb.jpg)