तीन महिला नक्सलियों और एक पुरुष नक्सली ने सरेंडर कर दिया है. इन नक्सलियों पर कुल 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि इसके साथ ही जून 2020 में शुरू किए गए ‘लोन वर्राटू’ (स्थानीय गोंडी बोली में बोले जाने वाला शब्द जिसका अर्थ है अपने घर या गांव वापस लौटो) अभियान के तहत अब तक दंतेवाड़ा में 872 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है.
नक्सली पति-पत्नि ने किया सरेंडर
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि एक दंपति समेत चार नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है. उन्होंने बताया कि इनमें से हुंगा तामो उर्फ तामो सूर्या (37) और उसकी पत्नी आयती ताती (35) माओवादियों की क्षेत्रीय कंपनी नंबर 2 में सक्रिय थे और इन दोनों के सिर पर आठ- आठ लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
महिला नक्सलियों के सिर था लाखों का इनाम
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि वह साल 2018 में छत्तीसगढ़- तेलंगाना अंतरराज्यीय सीमा पर पामडे (बीजापुर) के जंगलों में सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले में कथित रूप से संलिप्त थे. उन्होंने बताया कि दो महिला नक्सलियों देवे उर्फ विज्जे (25) और माडवी ने भी सरेंडर किया है.
पुलिस अधीक्षक गौरव राय के मुताबिक, सरेंडर करने वाली महिला नक्सली देवे उर्फ विज्जे पर तीन लाख रुपये का इनाम था, इसी तरह माडवी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
सरेंडर करने वाले मिलेगा पुनर्वास का लाभ
गौरव राय ने बताया कि पड़ोसी सुकमा जिले के रहने वाले इन चारों लोगों को 25- 25 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा.
इस साल 656 नक्सली कर चुके हैं सरेंडर
हालिया कुछ सालों में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों को नक्सली मोर्च पर बड़ी कामयाबी मिली है. जवानों के लगातार कार्रवाई से माओवादी का दायरा कम हुआ है. साल 2024 में अब तक अलग-अलग ऑपरेशन के दौरान 153 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं, इसके 669 को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है. जबकि हिंसा का रास्ता छोड़ कर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या 656 है.
यह घाटना छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की है.