नई दिल्ली. देश में कई एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण हो रहा है. हर एक्सप्रेसवे की अपनी खूबियां हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीडा (UPEIDA) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) के रूप में विकसित कर रही है.
इसके लिए 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे होगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर लगभग एक लाख घरों को रोजाना बिजली मिलेगी. इसके लिए एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 प्रमुख सोलर पॉवर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा कर लिया है.
PPP मॉडल के तहत लगाए जाएंगे सोलर प्लांट्स
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत सोलर प्लांट्स लगाए जाएंगे. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर मुख्य मार्ग और सर्विस लेन के बीच में 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है. इसी पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी की जा रही है. इससे 550 मेगावॉट सोलर पॉवर जनरेट की जाएगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की खासियतें
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई, 2022 में किया था. यह प्रदेश का सबसे तेजी से बनने वाला एक्सप्रेसवे है, क्योंकि इसका निर्माण 28 महीने के भीतर किया गया था. यह एक्सप्रेसवे यूपी के 7 जिलों इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जैसे होकर गुजरता है.