जनवरी माह में नेपाल के पोखरा में यति एयरलाइंस के विमान हादसे में जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि नेपाल में यह दुर्घटना मानवीय भूल से हुई थी। बात दें विमान में पांच भारतीयों सहित 72 लोगों मौजूद थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई थी।
यति एयरलाइंस का 9एन-एएससी एटीआर-72 विमान 15 जनवरी को लैंडिंग से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
जांच आयोग ने सौंपी यति विमान हादसे की रिपोर्ट
नेपाल सरकार के पूर्व सचिव नागेंद्र प्रसाद घिमिरे की अध्यक्षता वाले जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री सूदन किराती को सौंप दी। इसे तैयार करने में आठ महीने और तीन दिन का समय लगा था। किराती ने मंत्रालय को इसकी सिफारिशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
हादसे के दिन ही बना था आयोग
हादसे के दिन ही नेपाल की सरकार ने एक पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। इसमें विमानन विशेषज्ञ सेवानिवृत्त नेपाली सेना के कैप्टन दीपक प्रकाश बस्तोला, सेवानिवृत्त कैप्टन सुनील थापा, जहाज रखरखाव इंजीनियर एकराज जंग थापा और आयोग के सदस्य सचिव के रूप में संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सह-सचिव बुद्धिसागर लामिछाने शामिल थे।
नेपाल की तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना
पोखरा में हुई यति एयरलाइंस की दुर्घटना नेपाल में हुई 104वीं दुर्घटना थी और हताहतों की संख्या के मामले में तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना थी। इस हादसे में पांच भारतीय अभिषेक कुशवाहा (25), बिशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल (26) की मौत हुई थी।