संवेदनशील मुख्यमंत्री करते हैं जनदर्शन में लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण
रायपुर
रायपुर में मुख्यमंत्री निवास का जनदर्शन गुरुवार आम दिनों जैसा नहीं होता। इस दिन सीएम निवास लोगों की उम्मीदों को पूर्ण करने और समस्याओं के त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने वाला ओपन हाउस बन जाता है। दुःख और तकलीफों से भरी ज़िंदगी में जनदर्शन लोगों के लिए एक नई आशा की किरण है। जनदर्शन के दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लोगों की समस्याओं को सिर्फ सुनते ही नहीं, बल्कि दिल से महसूस करते हैं। यहां आने वाले लोग न सिर्फ राहत की उम्मीद लेकर आते हैं, बल्कि अपने जीवन में बदलाव की नई किरण और अपनी परेशानियों का समाधान लेकर वापस जाते हैं।
मुख्यमंत्री जनदर्शन का हर गुरुवार उन कहानियों का मंच बनता है, जहां तकलीफ और संघर्ष को पीछे छोड़कर लोग नई आशा के साथ नई शुरुआत का स्वागत करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के संवेदनशील और त्वरित फैसलों से सीएम हाउस पहुँचे लोगों के चेहरों पर अमुल्य मुस्कान और समस्याओं के समाधान मिलने की संतुष्टि होती है। हर मुलाकात, हर समाधान एक ऐसा पल होता है, जहां मुख्यमंत्री हर एक के परिवार के मुखिया बन जाते हैं।
जनदर्शन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जनता के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। जनदर्शन के दौरान दूरस्थ स्थानों से आए कोई न कोई विवेक, कोई राजू, कोई उषा मुख्यमंत्री से अपनी समस्याएं साझा करते हैं, और बदले में समाधान और अपनापन लेकर लौटते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं रायपुर के भनपुरी में रहने वाले विवेक शर्मा, जिन्होंने दुर्घटना में अपना पैर खो दिया था। इस हादसे के बाद विवेक का जीवन जैसे ठहर गया था। चलने-फिरने में असमर्थ होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही थी, और अपने परिवार की जिम्मेदारी भी पूरी नहीं कर पा रहे थे। आज मुख्यमंत्री निवास से बाहर निकलते वक्त उनके हाथ में केवल वॉकर नहीं था, बल्कि उनके चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई थी। वॉकर मिलने से उनकी जिंदगी में फिर से उम्मीद जगी और उनका खोया हुआ आत्म-गौरव फिर से वापस आ गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को दिल से धन्यवाद दिया और कहा, “अब मुझे चलने में कोई परेशानी नहीं होगी, हमारे मुखिया ने मुझे सिर्फ चलने का सहारा नहीं दिया बल्कि जीने की राह दिखा दी।” यह वॉकर विवेक के लिए सिर्फ एक सहारा नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत थी।
बीजापुर के राजूराम वाचम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पोलियो की वजह से चलने में तकलीफ झेलने वाले राजूराम को हर दिन 11 किलोमीटर का सफर तय कर आईटीआई पहुंचना पड़ता था। उनकी इस समस्या का हल भी जनदर्शन में मिला। मुख्यमंत्री से मिली मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल ने न सिर्फ उनकी तकलीफें कम कीं, बल्कि उन्हें फिर से अपनी पढ़ाई जारी रखने की हिम्मत दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपने प्रत्येक जनदर्शन में यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को मदद मिले और कोई भी व्यक्ति उनकी चौखट से मायूस न लौटे। यही जनदर्शन की असली सफलता है।
रायपुर की उषा ठाकुर, जो ओरल कैंसर से पीड़ित हैं, उनके लिए भी जनदर्शन एक नई उम्मीद लेकर आया। इलाज के लिए 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पाकर उषा की आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू राहत और आभार के थे। उन्हें सिर्फ मदद नहीं मिली, बल्कि उन्होंने यह विश्वास भी पाया कि उनका जीवन मायने रखता है।
इसी तरह, जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ाई में आ रही दिक्कतों के लिए ऑर्बिट रीडर यंत्र की जरूरत जाहिर की। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग को ध्यान से सुना और मदद का आश्वासन देकर उनके भविष्य को संवारने की ओर एक कदम बढ़ाया।
जनदर्शन में न केवल शारीरिक कठिनाइयों से जूझ रहे लोगों को सहारा मिलता है, बल्कि प्रतिभाशाली व्यक्तियों की कला और हुनर को भी नई उड़ान मिलती है। विवेक भोंसले, जो बचपन से ही दिव्यांग हैं, रायपुर के राजा तालाब के निवासी हैं। महज 8 साल की उम्र से ढोलक पर अपनी महारत हासिल करने वाले विवेक को संगीत के प्रति गहरी रुचि है, लेकिन वाद्य यंत्रों की कमी उनके सपनों के बीच आ गई थी।जनदर्शन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मिलकर उन्होंने वाद्य यंत्र खरीदने के लिए सहायता की मांग की। मुख्यमंत्री ने बिना देर किए 15,000 रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा, जिससे विवेक का हौसला बढ़ने के साथ ही अब उसके लिए संगीत का सफर आसान होगा।
जनदर्शन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, यह संवेदनशीलता, अपनेपन, दुलार, ख्याल और उम्मीद की तस्वीर है। यह एक ऐसे जननेता की कहानी है जो न केवल लोगों की बातें सुनते हैं, बल्कि उनकी समस्याओं को अपना मानकर उनका हल भी ढूंढते हैं। हर बार जनदर्शन में पहुँचे लोग न सिर्फ अपनी परेशानियों का समाधान लेकर लौटते हैं, बल्कि अपने मुखिया के प्रति अटूट विश्वास और एक बेहतर कल की नई उम्मीदों को भी संजोते हैं।