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October 30, 2024 10:58 am

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रामोत्सव राजिम कुंभ (कल्प) मेला 24 फरवरी से शुरू होकर 08 मार्च तक 

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छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध राजिम में आयोजित माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक रामोत्सव राजिम कुंभ (कल्प) मेला 24 फरवरी से शुरू होकर 08 मार्च तक चलेगा। त्रिवेणी संगम स्नान के लिए 24 फरवरी माघ पूर्णिमा, 04 मार्च जानकी जयंती और 08 मार्च महाशिवरात्रि को विशेष पर्व रहेगा। मेले का शुभारंभ 24 फरवरी को शाम सात बजे आचार्य महामण्डलेश्वर अग्नि पीठाधीश्वर ब्रम्हर्षि रामकृष्णनंद जी महाराज करेंगे। शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री अरूण साव एवं विजय शर्मा तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल करेंगे।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री  दयालदास बघेल, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  केदार कश्यप, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  लखन लाल देवांगन, वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री  ओ.पी. चौधरी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शामिल होंगे। 

राजिम कुंभ कल्प मेला में राष्ट्रीय संत पूज्य असंग देव जी साहेब लखीमपुर खीरी, महंत रामसुंदर दास जी महाराज अध्यक्ष राजीवलोचन मंदिर, स्वामी राजीव लोचन जी महाराज, महंत साध्वी प्रज्ञा भारती जी, संरक्षक वेदरतन सेवा प्रकल्प छत्तीसगढ़, महात्यागी बालयोगेश्वर  रामबालकदास जी महाराज डौण्डीलोहारा, संत  गोवर्धनशरण जी महाराज सिरकट्टी, ब्रह्मचारी इंदुभवानंद जी महाराज शंकराचार्य आश्रम, महंत सर्वेश्वर दास जी महाराज, महंत राजेश्वरानंद जी महाराज, संत  युधिष्ठिर लाल जी महाराज सदाणी दरबार, दण्डी स्वामी सच्चिदानंदतीर्थ जी महाराज बिलासपुर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहन जी नवापारा सेवा केन्द्र, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी हेमा बहन जी राजिम सेवा केन्द्र, संत श्री विचार साहेब जी कबीर आश्रम नवापारा एवं विशिष्ट साधु-सन्तों के सान्निध्य में शुभारंभ होगा।

उल्लेखनीय है कि महानदी के तट पर स्थित राजिम छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का ’प्रयाग’ भी कहते हैं। यहाँ के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहाँ पर माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस मेले में श्री राजीवलोचन मंदिर, श्री कुलेश्वर महादेव, श्री महाप्रभु वल्लभाचार्य जी प्राकट्य स्थल चम्पारण, प्राचीन देवालयों के दर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का श्रद्धालु प्रतिदिन आनंद ले सकते हैं। प्रथम दिन प्रातः 4 बजे से विशेषपर्व स्नान से मेला का आगाज होगा।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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