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December 6, 2024 11:38 pm

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Board Exam में बेहतर परिणाम लाने वाले सरकारी स्कूलों के प्राचार्य जाएंगे सिंगापुर

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NRI बनकर युवती ने 70 वर्षीय वृद्ध से की मित्रता, 29 खातों में ट्रांसफर कराए 53.50 लाख रुपये

भोपाल : माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक परिणाम लाने वाले स्कूलों के प्राचार्य और अधिकारियों का 120 सदस्यीय दल सिंगापुर दौरे पर जा रहा है। स्टार्स परियोजना के तहत शासन की ओर से इस यात्रा के लिए चार करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है।

इस दौरे में जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर ढाई लाख रुपये खर्च होंगे। यह दौरा दो अलग-अलग दलों में होगा। पहले दल में 70 और दूसरे दल में 50 प्राचार्यों-अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।

6 जनवरी को पहला दल होगा रवाना

पहला दल 6 जनवरी को और दूसरा दल 13 जनवरी को पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होगा। वहां की शिक्षा व्यवस्था देखने और उनकी प्रणाली में प्रशिक्षण लेकर प्राचार्य अपने स्कूल में उसे लागू करने की कोशिश करेंगे। इससे पहले उन्हें एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को अपनी संस्तुतियां सौंपनी होंगी। यदि उनकी सिफारिशे मंजूर होती हैं तो उसे स्कूलों में लागू किया जाएगा।

दक्षिण कोरिया का कर चुके हैं दौरा

इससे पहले शिक्षा विभाग के 250 अफसरों और प्राचार्यों का दल दक्षिण कोरिया के अध्ययन दौरे पर गया था। 2021 में प्राचार्यों के दल को चार बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों का अध्ययन करने भेजा गया था। इस दौरे में भी सरकार ने पांच से सात लाख रुपये खर्च किए थे।

दक्षिण कोरिया से लौटकर स्टीम पद्धति की गई लागू 2019 में 250 अधिकारियों और प्राचार्यों की टीम दक्षिण कोरिया के दौरे पर गई थी। जो वहां स्टीम (साइंस, टेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स औऱ मैथ्स) शिक्षा पद्धति का अध्ययन कर आई थी।

इस दल ने मध्य प्रदेश में इसे लागू करने के लिए अपनी सिफारिशों के साथ एक रिपोर्ट पेश की थी। अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मल्टी डिस्पिलनरी स्टडी को लागू किया गया है, इसमें इसकी सिफारिशों का एक हिस्सा समाहित है।

ढांचागत सुधार की योजना नहीं बन पाई

दक्षिण कोरिया से लौटकर आए दल ने प्रमुख सचिव को प्रेजेंटेशन भी दिया था। इसमें ढांचागत सुधार, व्यावसायिक पाठ्यक्रम को शामिल करने संबंधी कई तरह के शैक्षणिक सुधारों की सिफारिशे थीं। इस रिपोर्ट का कुछ असर नहीं दिखा। ढांचागत सुधार की कोई योजना लागू ही नहीं हो पाई।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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