Explore

Search

January 2, 2025 10:21 pm

LATEST NEWS
Lifestyle

वार्ड परिसीमन का रास्ता साफ : विरोध में दाखिल सभी 50 याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वार्ड परिसीमन के खिलाफ दायर सभी याचिकांए खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने याचिकाओं को आधारहीन पाया है। इस फैसले के साथ ही निकाय चुनाव से पहले वार्ड परिसीमन का रास्ता साफ हो गया है। ध्यान रहे कि इससे पहले कोर्ट ने खास तौर पर बिलासपुर और राजनांदगांव नगर निगम के सााथ ही तखतपुर, कुम्हारी और बमेतरा नगर पालिका में होने वाले परिसीमन पर रोक लगा दी थी। जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच के मंगलवार को दिए गए फैसले के बाद राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है।

गौरतलब है कि बिलासपुर सहित अन्य जगहों पर वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। इस संबंध में अलग अलग 50 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं। इसमें से 7 याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने स्टे देते हुए परिसीमन पर रोक लगा दी थी। पिछली सुनवाई में 13 याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला देते हुए सभी को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि परिसीमन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर याचिकाकर्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है, उसमें वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। यह याचिका बिलासपुर में पूर्व कांग्रेसी विधायक शैलेश पांडेय और कांग्रेस के चार ब्लॉक अध्यक्ष विनोद साहू, मोती थारवानी, जावेद मेमन, अरविंद शुक्ला ने तो तखतपुर से टेकचंद कारड़ा ने दायर की थी।

सरकार ने कहा, नियमों और प्रक्रिया का किया पालन

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। इस मामले में लगातार सुनवाई जारी थी। पिछली तिथि को सरकार की ओर से महाधिवक्ता और उनकी पूरी टीम ने कोर्ट में अपनी बात रखी। इसमें कहा गया कि जनसंख्या के आधार पर पहले भी परिसीमन किया गया है। कभी भी कोई आपत्ति नहीं आई। इस बार जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है ताकि प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके। इस पर कोर्ट ने पूछा कि वर्ष 2011 की जनगणना को वर्तमान परिदृश्य में आदर्श कैसे मानेंगे। दो बार परिसीमन कर लिया गया है तो तीसरी बार परिसीमन क्यों किया जा रहा है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि परिसीमन से पहले पूरी प्रक्रिया और नियमों का पालन किया गया है। जनसंख्या के आधार पर परिसीमन के लिए पहले नोटिस जारी की गई। आपत्तियों का निराकरण भी किया गया। कोर्ट ने सरकार की बात को स्वीकार करते हुए परिसीमन के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

Anash Raza
Author: Anash Raza

Leave a Comment