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January 5, 2025 12:56 pm

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अब नहीं दिखा सकेंगे धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन; डिजिटल प्लेटफॉर्मों को सख्ती के निर्देश

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आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को ठगने की खबरें आना आम हो गई हैं। ऐसे में सरकार कई अहम कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्मों को सख्त निर्देश दिए हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन न दिखाए जाएं।

धोखाधड़ी वाले एप्स को नहीं देना चाहिए बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन न दिखाएं। इस तरह के एप लोगों को गुमराह कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं। इसलिए इन्हें बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।

लोगों को करते हैं गुमराह
उन्होंने कहा, ‘हम जिन क्षेत्रों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं, उनमें से एक हैं धोखाधड़ी वाले ऋण एप्स के विज्ञापन। बहुत सारे प्लेटफॉर्मों पर हमने धोखाधड़ी वाले विज्ञापन देखे हैं। इसलिए कल एक एडवाइजरी जारी कर हमने यह साफ कर दिया है कि कोई भी धोखाधड़ी वाले ऋण एप का विज्ञापन नहीं दिखा सकता है। यह विज्ञापन लोगों को गुमराह कर सकता है।’

उन्होंने कहा कि इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार लगातार कड़ी नजर रख रही है। 

2,500 से अधिक एप निलंबित
गौरतलब है, इससे पहले सरकार ने लोकसभा में बताया था कि गूगल ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2,500 से अधिक धोखाधड़ी वाले ऋण एप को निलंबित कर दिया है या हटा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि सरकार धोखाधड़ी वाले ऋण एप को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और अन्य नियामकों तथा संबंधित हितधारकों के साथ लगातार काम कर रही है। 

उन्होंने बताया था कि उनकी अध्यक्षता में एक अंतर-नियामक मंच, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठकों में भी इस मामले पर नियमित रूप से चर्चा और निगरानी की जाती है। उन्होंने कहा था कि गूगल ने प्ले स्टोर पर ऋण देने वाले एप को शामिल करने के संबंध में अपनी नीति को अद्यतन किया है और संशोधित नीति के अनुसार, प्ले स्टोर पर केवल उन्हीं एप को जारी करने की अनुमति दी गई है जो या तो विनियमित संस्थाओं (आरई) की ओर से जारी किए गए हैं या आरई के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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