केंद्र सरकार भारत देश के एक ऐसी उपलब्धि को हर साल आयोजन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है जिससे हर भारतीय का सीना चौड़ा हो जाएगा।
पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 में पूरे भारत में मनाया जाएगा। भारत सरकार भारत के अंतरिक्ष मिशनों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक महीने का अभियान शुरू कर रही है। इस वर्ष की थीम, “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा”, समाज और प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डालती है।इसी उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस काफ़ी महत्व रखता है।
केंद्र सरकार का दो दिवसीय समारोह…
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में भारत मंडपम में दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अनेक उच्चस्तरीय सत्र, इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल होंगी।इस परियोजना में मोबाइल प्रदर्शनी बसें शामिल हैं जो राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जाएँगी।
इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य भारत के सभी राज्यों के स्कूली छात्रों को इसरो की गतिविधियों और भारत के अंतरिक्ष मिशनों के बारे में जानकारी प्रसारित करना है। यह सहयोग अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में लोगों की समझ बढ़ाने और अंतरिक्ष अन्वेषण में अधिक रुचि पैदा करने के लिए VIBHA और इसरो के बीच एक संयुक्त प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या है इतिहास….
23 अगस्त 2023 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की । इसके साथ ही, भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बन गया। सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर की सफल तैनाती की गई। इस उपलब्धि को मान्यता देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को भारत में “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में घोषित किया।
शालाओं में विभिन्न तरह के प्रश्नोत्तरी व्याख्यान पैटिंग रील इत्यादि कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश भी दिया गया है।