छत्तीसगढ़ में मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके, इसके लिए ब्लड सैंपल समय पर और जल्दी भेजने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। इसका ट्रायल अंबिकापुर जिले में किया गया, जो सफल रहा। भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट यूज ऑफ ड्रोन टेक्नॉलॉजी इन हेल्थ सर्विस डिलीवरी के लिए छत्तीसगढ़ से अंबिकापुर स्थित राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का चयन हुआ है। इसके अंतर्गत ड्रोन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर से ब्लड सैंपल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्राप्त किया जाएगा और जांच के बाद रिपोर्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर भेजी जायेगी।इसके क्रियान्वयन के लिए प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर चिकित्सा महाविद्यालय में सोमवार को पहला ड्रोन ट्रायल किया गया। मेडिकल कॉलेज से 40 किमी दूर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ड्रोन के माध्यम से जांच के लिए ब्लड सैंपल और ओटी कल्चर के लिए ड्रोन से सैंपल भेजे गए।
30 मिनट के समय में मिलेगा उपचार
राज्य के सरगुजा एवं बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की लैब में कई जांच नहीं होती है। सैंपल निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों तक भेजना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ड्रोन सुविधा मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है। ट्रायल में ड्रोन को मेडिकल कालेज अंबिकापुर से उदयपुर पहुंचने में 30 मिनट का समय लगा, जहां उदयपुर के झिरमिटी स्टेडियम ग्राउंड में सफल लैडिंग हुई। 15 मिनट के अंदर ब्लड सैंपल (600 ग्राम) ड्रोन में लोड किया गया और वापस मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर भेज दिया गया।
प्रदेश के सभी जिलों में होगा लागू
इस प्रोजेक्ट के तहत दो स्व-सहायता समूह की ड्रोन दीदी को ड्रोन संचालन की ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भेजा गया था। जिसमें सैंपल लोडिंग एवं अनलोडिंग के कार्य के लिए एक ड्रोन दीदी को उदयपुर एवं एक ड्रोन दीदी को अम्बिकापुर के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर राज्य के समस्त जिलों में इसे लागू किया जायेगा।