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January 8, 2025 10:54 pm

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नितिन गडकरी ने ईवी निर्माताओं को लिथियम-आयन बैटरी कचरे को डंप करने को लेकर दी चेतावनी

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि सरकार पर्यावरण पर लिथियम-आयन बैटरी कचरे को डंप करने के दुष्प्रभावों के बारे में किसी भी रिपोर्ट को गंभीरता से लेगी। और विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों की रिसाइकलिंग के लिए सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है।

लिथियम-आयन बैटरी अपशिष्ट डंपिंग और इस भंडारण प्रणाली की मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स में श्रमिकों पर बुरे प्रभाव का मुद्दा कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया था। पूरक प्रश्न में रंजन ने कहा कि एक शोध रिपोर्ट है जो लिथियम-आयन बैटरी के निर्माण की प्रक्रिया में शामिल श्रमिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को उजागर करती है।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि लाइफ साइकल (जीवन चक्र) पूरा करने के बाद इन बैटरियों को डंप करने से पर्यावरण पर असर पड़ता है। और पृथ्वी जहरीली हो जाती है और मिट्टी की उर्वरता (उपजाउपन) खराब हो जाती है।

जवाब में, गडकरी ने कहा, “हमारे पास ऐसी कोई रिपोर्ट या निष्कर्ष नहीं है। अगर इस तरह की कोई भी बात हमारे सामने आती है तो हम इस पर विचार करेंगे। हम इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और लिथियम-आयन बैटरी कचरे की रिसाइकलिंग पर काम करेंगे।”

यह भविष्य की तकनीक है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार भविष्य की तकनीक, दृष्टिकोण और योजना के साथ इस दिशा में काम कर रही है।

राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक कारों, बसों, ट्रकों का निर्यात करने वाला अग्रणी देश बन जाएगा। 

Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari warns EV makers against dumping lithium-ion battery waste

उन्होंने सदन को यह भी बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सर्कुलर इकोनॉमी की बात की है। और इसके तहत हम कार स्क्रैपिंग, रबर को बिटुमिन के साथ रिसाइकल करते हैं और प्लास्टिक का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जा रहा है।

उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने इकोलॉजी (पारिस्थितिकी) और पर्यावरण की रक्षा के लिए सड़क निर्माण में नगरपालिका के ठोस कचरे का इस्तेमाल किया है।

उन्होंने कहा, “हमारा देश सालाना 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य का जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) आयात करता है। और दिल्लीवासियों को यह समझाने की कोई जरूरत नहीं है कि यहां प्रदूषण का स्तर क्या है।”

लिथियम बैटरी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी चार केमिस्ट्री हैं। और एल्युमीनियम स्टील आयन बैटरी और एल्युमीनियम एयर टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है।

Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari warns EV makers against dumping lithium-ion battery waste

उन्होंने बताया कि जहां पेट्रोल वाहन को चलाने की लागत 100 रुपये से 110 है, वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत सिर्फ 10 रुपये है।

उन्होंने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी की लागत जो 150 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा थी, अब घटकर 115 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा हो गई है।

उनका मानना था कि वर्तमान में पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन की लागत ज्यादा है।

“इलेक्ट्रिक वाहन बहुत लोकप्रिय हैं। एकमात्र समस्या यह है कि पेट्रोल/डीजल वाहन और ई-वाहन के बीच लागत का अंतर है… ई-वाहन महंगी है और यह बिक्री पर निर्भर करता है। जब बिक्री बढ़ेगी, तो मुझे लगता है कि, यह मेरा अनुमान है, मैं आपको यह वादा नहीं कर रहा हूं कि, डेढ़ साल के भीतर पेट्रोल, डीजल और ई-वाहन की कीमत एक समान हो जाएगी।”

उन्होंने सदन को आगे बताया कि लिथियम-आयन का छठा सबसे बड़ा भंडार जम्मू-कश्मीर में पाया गया है। और भारत 1,200 टन लिथियम-आयन का आयात करता है। 

Anash Raza
Author: Anash Raza

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