राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शरद पवार का कद सबसे ऊंचा है। वयोवृद्ध राजनेता शरद पवार महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री जैसे पदभार भी संभाल चुके हैं। उनके भतीजे अजित पवार के बगावती तेवरों के कारण NCP दो फाड़ हो चुकी है। पार्टी के अस्तित्व पर संकट और साथ छोड़कर जा रहे नेताओं के बारे में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ”हमें पार्टी छोड़ने वालों के बारे में चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है।”
पवार भाजपा के साथ गठबंधन पर क्या बोले?
एनसीपी छोड़कर जा रहे नेताओं के बारे में शरद पवार ने कहा, हमें इसके बारे में चिंता करने के बजाय, नागरिकों से जुड़े जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता से उठाना चाहिए। आम जनता की समस्या हल करनी चाहिए। उन्होंने एनसीपी की भावी रणनीति को लेकर कहा, “अगर हम कर सकते हैं तो हमें, हमारे युवा नेताओं को मजबूत करना चाहिए।” भाजपा के साथ राजनीतिक गठबंधन की संभावनाओं पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, बीजेपी के साथ हाथ न मिलाने को लेकर हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट था।
युवा नेताओं के उभरने पर पवार की सोच
पार्टी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने और आने वाले चुनाव में पार्टी के मजबूत कैडर की भूमिका बताते हुए शरद पवार ने कहा, ऐसा करने पर आपको बड़ी सफलता मिलेगी… इसलिए, हमें काम करना शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की जड़ों को मजबूत बनाने के साथ-साथ हमें अपनी विचारधारा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे भरोसा है कि अगर हम ऐसा कर सकते हैं, तो हम युवा नेताओं को उभरते हुए देख सकेंगे।
महाराष्ट्र की सियासत में दलीय हालात
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति बीते करीब पांच साल में काफी उतार-चढ़ाव से भरी रही है। 2018 में चुनाव के बाद महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार बनी थी। इसमें कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल रहे। बाद में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण सरकार गिर गई। शिंदे ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई। कुछ महीने बाद एनसीपी भी दो फाड़ हो गई और अजित पवार ने सरकार में शामिल होने का फैसला लिया। भले ही अजित एनसीपी के अधिकांश विधायकों का समर्थन अपने साथ होने का दावा करते हैं, शरद पवार का दावा है कि असली पार्टी की यूनिट अजित के फैसले से सहमत नहीं है।