नई दिल्ली। तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए बिसात बिछा रही भाजपा बारीकी से सांसदों के प्रदर्शन और जनाधार का आकलन करने में जुटी है। इस गहन निगरानी से यदि सांसद गुजर रहे हैं तो मोदी मंत्रिमंडल के ऐसे अधिकतर मंत्रियों को भी प्रदर्शन और चुनौतियों की परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है, जो राज्यसभा के रास्ते सदन में पहुंचे हैं।
रिटायर होने वालों में हैं भाजपा के 27 सदस्य
उच्च सदन की रिक्त होने जा रहीं सीटों पर पार्टी जल्द ही प्रत्याशी घोषित करने जा रही है। रिटायर होने वाले 50 सदस्यों में 27 भाजपा के हैं। राज्यसभा के 56 सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा होने जा रहा है। इनके चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। 15 राज्यों के कोटे की इन सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 फरवरी है, जबकि चुनाव 27 फरवरी को होना है।
भाजपा दो-तीन दिनों में कर सकती है राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा
चूंकि, चुनाव का समय अब निकट है, इसलिए माना जा रहा है कि भाजपा दो-तीन दिन में राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। इसे देखते हुए मोदी मंत्रिमंडल के तमाम मंत्रियों की भी धड़कन बढ़ी हुई है। दरअसल, उच्च सदन में जिन सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा होने जा रहा है, उनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा नौ मंत्री अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, डा. मनसुख मांडविया, राजीव चंद्रशेखर, परषोत्तम रुपाला, वी. मुरलीधरन, नारायन राणे और डा. एल. मुरुगन भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में बड़े चेहरों पर हो सकता है हेरफेर
सूत्रों के अनुसार, पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने सभी बड़े चेहरों यानी महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं को भी उतारने जा रही है। ‘पॉलिटिकल डिलीवरी’ की क्षमता को परखते हुए भाजपा पहले भी कई सख्त निर्णय ले चुकी है। इस कसौटी पर खरे न उतरने वालों को मंत्री पद से हटाकर दूसरी जिम्मेदारियां भी दी जा चुकी हैं।
पार्टी इन नेताओं को भेज सकती है राज्यसभा
चर्चा है कि इन नौ मंत्रियों में से अधिकतर को लोकसभा चुनाव लड़कर अपनी चुनाव लड़ने, जीतने की क्षमता और जनाधार को भी साबित करना होगा। हां, कुछ मंत्रियों या प्रमुख नेताओं को इस आधार पर चुनाव लड़ने से छूट देते हुए दोबारा राज्यसभा भेजा जा सकता है, जिनकी प्रत्यक्ष भूमिका चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण हो या मंत्री के रूप में उनके विकल्प पर अभी विचार नहीं किया जा रहा हो।
अब जैसे ही राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा होगी, उससे स्पष्ट हो जाएगा कि कौन दोबारा राज्यसभा में पहुंचेगा और किसे जनता के बीच रणकौशल दिखाकर अपनी उपयोगिता और क्षमता साबित करनी होगी।