बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने के मामले सामने आते हैं। बादलों की तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर हर कोई डर जाता है। हाल के दिनों में उत्तर भारत में बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। बादलों के बीच अक्सर गरज के साथ बिजली कड़कती देखी जाती है। हालांकि कभी-कभी यह बहुत खतरनाक हो जाती है और जमीन पर गिरने पर जानलेवा हो जाती है।
Uttar Pradesh, Bihar, West Bengal Chhatishgarh और Jharkhand सहित कई राज्यों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 75 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं।
Bihar में गुरुवार को बारिश के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हो गई। इनमें मधुबनी में छह, पटना व औरंगाबाद में चार-चार, सुपौल में दो, जमुई, गया, कैमूर, नालंदा, गोपालगंज और बेगूसराय में एक-एक शामिल हैं। वहीं डेढ़ इसमें दर्जन से अधिक लोग झुलस गए। Uttar Pradesh में वज्रपात की जद में आने से 43 और डूबने से 9 लोगों की मौत हो गई है। झारखंड में वज्रपात गिरने से एक महिला और उसके नाबालिग बेटे समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। वहीं, बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वज्रपात बिजली गिरने से 20 स्कूली छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बादलों के बीच यह बिजली बनती कैसे है? यह जहां पर गिरती है, वहा तबाही मचा देती है। बारिश के दौरान अक्सर बादलों के बीच गड़गड़ाहट के साथ बिजली चमकती है। इसके गिरने से कभी इंसान घायल हो जाता है, तो कभी इसकी चपेट में आने से मौत हो जाती है। बारिश के मौसम में बिजली गिरने की घटना ज्यादा घटती है। आइए जानते हैं कि आसमान में बादलों के बीच क्यों गड़गड़ाहट होती है और बिजली कैसे बनती है?
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बादलों के बीच क्यों चमकती है बिजली?
साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी। उन्होंने बताया कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं। कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज।
आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है। कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। इस घटना को बिजली गिरना कहा जाता है।
क्यों गरजते हैं बादल?
जब आसमान में इस तरह बिजली पैदा होती है, तो बादलों के बीच जो जगह रहती है, वहां पर बिजली की धारा बहने लगती है। इससे बड़े पैमाने पर चमक उत्पन्न होती है जिसकी वजह से आसमान में बादलों की बीच चमक नजर आती है। बिजली की धारा बहने की वजह से बहुत अधिक मात्रा में गर्मी पैदा होती है जिससे वायु फैलती है और इससे करोड़ों कणों की आपस में टक्कर होती है। इससे बादलों के बीच गड़गड़ाहट पैदा होती है जिसकी आवाज धरती पर सुनाई देती है।
पहले चमक, फिर क्यों आती गरजने की आवाज?
बिजली की चमक और गड़गड़ाहट एक साथ होती है। हालांकि बिजली की चमक पहले दिखती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि प्रकाश की गति ध्वनि से बहुत ज्यादा तेज होती है। प्रकाश की गति 30,0000 किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है, तो वहीं ध्वनि की गति 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है।
जानिए कहां रहता है बिजली गिरने का खतरा?
जब धरती पर बिजली गिरती है, तो वो जानलेवा साबित होती है। आकाशीय बिजली गिरने का खतरा सबसे अधिक खेतों में काम करने वाले लोगों पर, पेड़ों पर, तालाब में नहाते समय लोगों पर बिजली गिरने का खतरा अधिक रहता है। चार्ज बादल जब धरती के किसी ऊंचे पेड़ या इमारत के पास से गुजरते हैं, तो उसके चार्ज के खिलाफ इमारत या पेड़ में विपरीत चार्ज उत्पन्न होता है। इसकी मात्रा अधिक होने पर बादल से बिजली इमारत या पेड़ में बहने लगती है, जिसको बिजली गिरना कहते हैं।
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बिजली से ऐसे करें बचाव
बिजली के चमकने पर घर के अंदर बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही टेलीफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरवाजों और खिड़कियों को बंद कर देना चाहिए। बरामदे और छत पर नहीं जाना चाहिए।