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January 8, 2025 11:58 am

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मनरेगा कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए भी 2 से 3 माह करना पड़ रहा इंतजार

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प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ मनरेगा कर्मचारियों को नई सरकार से बड़ी उम्मीद थी. 5 साल लंबे संघर्ष के बाद उन्हें लगा था कि अब उनके भाग्य बदलने के दिन आ गए हैं, किंतु उनकी यह उम्मीदें अब फीकी पड़ती नजर आ रही है. इनका कहना है कि मनरेगा कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए भी 2 से 3 माह इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं शासन स्तर से मनरेगा के अलावा अन्य कार्य नहीं लेने के निर्देश के बाद भी जिले में अन्य योजनाओं के कार्य दबावपूर्ण तरीके से कराया जा रहा है.

आलम यह है कि तकनीकी सहायकों के पास फील्ड विजिट के लिए भी राशि नहीं है, जिसके चलते मनरेगा कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष अजय क्षत्री का कहना है कि विगत 18 सालों से प्रदेश में मनरेगा कर्मचारी योजना के सफल संचालन में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं, जिसके कारण राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 10 से अधिक बार पुरुस्कृत किया जा चुका है, किंतु कर्मचारियों की स्थिति बहुत ही पीड़ादायक होती जा रही है. मनरेगा के तकनीकी अमलो से मनरेगा के अतिरिक्त जिला स्तर पर पीएम जन-धन योजना, पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, 15वां वित्त के अलावा चुनाव कार्य, विकसित भारत संकल्प यात्रा एवं अन्य गतिविधि में निरंतर कार्य लिए जा रहे हैं.

अध्यक्ष क्षत्री ने कहा, विगत दिनों कुछ जिलों में तकनीकी सहायकों को अन्य योजनाओं के कार्यों में प्रगति के चलते 1 माह पूर्व सेवा समाप्ति की सूचना प्रेषित किया गया है. बिना वेतन के कार्य करने वाले इन कर्मचारियों को 100 से 150 किमी अपनी गाड़ी से फील्ड में जाकर कार्यों को देखना होता है, लेकिन उनकी पीड़ाओं को देखने और सुनने वाला कोई नहीं है. आज पर्यंत मनरेगा कर्मचारियों को न किसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है और न ही सम्मान जनक वेतनमान है. मानव संसाधन नीति के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं.

Faizan Ashraf
Author: Faizan Ashraf

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