जिस पिता की गोद में खेलकर बच्चे बड़े होते हैं, उसी पिता पर उसकी नाबालिग बेटी ने बाप- बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने का आरोप लगाया है। मामला रजौन प्रखंड के एक गांव का है। वहां एक कलंकित शख्स (क्यों कि हम इसे पिता नहीं कह सकते) ने अपने ही दो नाबालिक बेटियों के साथ पिछले चार-पांच वर्षों से गंदा काम करता आ रहा था। इस कुकृत घटना का विरोध करने पर वह दरिंदा उनके साथ मारपीट भी करता था। इसी बीच- बचाव करने के क्रम में उस दरिन्दे ने अपनी पत्नी के साथ मारपीट कर उसे घर से भगा दिया। सोमवार की शाम आरोपी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फ़िलहाल दोनों नाबालिक पीड़िता रजौन पुलिस की शरण में है। पीड़िता का कहना है कि इस घिनौने घटना में गांव का एक और शख्स भी शामिल था।
एनजीओ के पहल से बची दो मासूमों की जिंदगी
घटना के संबंध में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोगी संस्था मुक्ति निकेतन को गुप्त सूचना मिली कि रजौन के एक गांव में मानवीय पवित्र रिश्ते को संसार करने वाली एक घटना हो रही है। इसके बाद मुक्ति निकेतन नामक संस्था सक्रिय हो गई। रजौन थाना परिसर में संस्था के जिला समन्वयक मनोज कुमार ने बताया कि उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी बांका मुख्यालय के डीएसपी विनोद कुमार के अलावे जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अभय कुमार सिंह सहित जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी। इसके बाद पुलिस ने संस्था को पूरा सहयोग दिया महिला व पुरुष पुलिस बल के साथ संस्था ने उक्त गांव में सोमवार को धावा बोल दिया, और बड़े ही नाटकीय अंदाज में आरोपी दरिंदे कलयुगी पापी पिता को गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने उक्त दोनों नाबालिक बच्चियों को भी बरामद कर लिया है। दोनों नाबालिक बहनों की उम्र 16 व 17 वर्ष के करीब बताई जा रही है।
बेटी को भी बनाया गर्भवती
घटना के संबंध में पूछने पर दोनों बच्चियां फफक कर रो पड़ती हैं। दोनों नाबालिक लड़कियों का कहना है कि पिछले चार-पांच वर्षों से कलयुगी पिता ऐसी घिनौनी हरकत को अंजाम दे रहा था। लोक लाज और शर्म से अपने पिता की करतूत किसी को बात भी नहीं सकती थी। आरोपी की पत्नी ने जब इसका विरोध किया, तो उसे मारपीट कर घर से भगा दिया। बड़ी पुत्री ने पिता के पाप की निशानी को प्राइवेट अस्पताल में जन्म भी दिया था, जिसे कोई आशा कार्यकर्ता पाल रही है। कलयुगी पिता की इस करतूत को सुनकर हर कोई हैरान है।