शैक्षिक अभिलेख में जन्मतिथि की हेराफेरी कर सिंचाई विभाग में तैनात बाबू को विभागीय अधिकारियों ने अनिवार्य सेवानिवृति दे दी। कार्रवाई की शिकायत पर विभागीय अधिकारी ने शनिवार की रात नगर कोतवाली में उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।
नगर कोतवाली के भदोही निवासी मातादीन सिंचाई विभाग खंड द्वितीय प्रतापगढ़ में प्रधान सहायक के पद पर तैनात था। उसने 24 साल पहले विभाग में नौकरी हासिल की थी। कुछ दिन पहले पड़ोसी ने उसके शैक्षिक अभिलेख में दर्ज जन्मतिथि की हेराफेरी की शिकायत विभागीय अधिकारियों से की थी। आरोप लगाया कि नौकरी प्राप्त करने के समय माता दिन की उम्र अधिक थी, लेकिन उसने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र में जन्मतिथि में हेराफेरी कर कम उम्र कराई और नौकरी हासिल की। इसके बाद विभागीय जांच चलती रही।
अधीक्षण अभियंता ने उसके शैक्षिक अभिलेख को जांच के लिए बोर्ड भेजे थे। सूत्रों के अनुसार बोर्ड से जानकारी मिली कि प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि फर्जी है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों ने कुछ दिनों तक मामला लटकाए रखा। शिकायतकर्ता ने फिर उच्च अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद आननफानन में अधीक्षण अभियंता ड्रेनेज मंडल लखनऊ ने मातादीन को नौकरी से सेवानिवृत कर दिया।
मामला ठंडे बस्ते में जाने के बाद पड़ोसी ने नौकरी के दौरान मिले वेतन की रिकवरी और कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों से शिकायत की। उच्च अधिकारियों के आदेश पर शनिवार देर शाम अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड द्वितीय आरके सिंह ने मातादीन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। नगर कोतवाल सत्येंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मामूली विवाद में बिगड़ी बात
नगर कोतवाली के भदोही निवासी मातादीन का अपने पड़ोसी से कभी गहरा नाता था। ग्रामीणों के अनुसार वह उसका राजदार भी था। कुछ दिनों पहले जमीन के मामले को लेकर उनके बीच अनबन हो गई थी। दोनों के बीच रंजिश इस कदर बढ़ी की वह मातादीन के नौकरी के पीछे हाथ धोकर पड़ गया। नौकरी जाने के बाद भी वह शांत होकर नहीं बैठा।