मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गृह विभाग को दो टूक कहा है कि अपराधियों में कानून का डर होना चाहिए। प्रदेश में जुआ, सट्टा, नशाखोरी पर तत्काल रोक लगाई, वहीं अपराधियों की धरपकड़ तेज हो। मुख्यमंत्री ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में गृह विभाग की समीक्षा बैठक में सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी कीमत पर कानून और व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। यदि ऐसा होता है तो जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आम जनता के बीच पुलिस की सख्त और संवेदनशील छवि दिखनी चाहिए। जनता का विश्वास पुलिस पर रहे, इसके लिए एक मेकैनिज्म बनाने की आवश्यकता है। जनता का जितना पुलिस पर विश्वास रहेगा उतना ही अच्छा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब, जुआ, सट्टा से संबंधित शिकायतें नहीं आनी चाहिए। इसके लिए जिले स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाए। जुआ और सट्टा बंद होने चाहिए। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और कंपनियों से रिकवरी कर निवेशकों को उनकी राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून जो जुलाई में लागू हो रहे हैं। इसके लिए समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ सहित गृह एवं जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन की धमक हर क्षेत्र में दिखनी चाहिए। नक्सलियों का अंतिम रूप से खात्मा करना हमारा लक्ष्य है। नक्सलियों के आंतक के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा। इस अभियान में पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है। इसके लिए पुलिस बधाई के पात्र है। पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत पुलिस कैंपों के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों के विकास के लिए राशि की कमी नही होगी। इस गांवों के विकास के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस योजना के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राशि की कमी नहीं होगी।
समीक्षा बैठक में यह जानकारी सामने आई
1. प्रदेश के नवगठित जिलों में जहां अजाक थाने नहीं है, वहां शीघ्र अजाक पुलिस थाने खोले जाएंगे।
2. पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती और पदोन्नति की कार्रवाई शीघ्र की जाएं।
3. पांच महिला थानों को प्रारंभ करने की स्वीकृति।
4. प्रदेश के चार जिले रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में चार नवीन साइबर पुलिस थाने खोले जाएंगे।
5. मानव तस्करी की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़ में एंटी ह्नामून ट्रैफिकिंग ब्यूरो की स्थापना होगी।
एसओपी बनाने की आवश्यकता
उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि ला एंड आर्डर की स्थिति से निपटने के लिए एसओपी बनाने की आवश्यकता है, ताकि ला एंड आर्डर की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके और इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन को प्रशिक्षित भी किया जाए। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा करेंगे और कार्याे की समीक्षा भी करेंगे। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने बैठक में बताया कि प्रदेश में अपराधों में निरंतर कमी आ रही है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए चार महिला थाने एवं महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान की छह इकाई कार्यरत हैं। बैठक में बताया गया कि इसके अतिरिक्त 553 महिला हेल्प डेस्क एवं सभी 33 जिलों में परिवार परामर्श केंद्र स्थापित हैं। अभिव्यक्ति एप के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को आपातकालीन सेवा एवं आनलाइन शिकायत की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
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यह उपलब्धि रही
साइबर अपराधों में कार्रवाई करते हुए 22.12 करोड़ रुपये की राशि ठगों के पास जाने से बचाई गई। प्रदेश में छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए भी अनेक प्रयास किया जा रहे हैं। गुम बच्चों के मामले में 92 प्रतिशत बच्चों को रेस्क्यू करने में सफलता मिली है। मानव तस्करी के मामलों में लगभग 99 प्रतिशत पीड़ितों का रेस्क्यू किया गया। गुम बच्चों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाकर वापस लाने उसके अभिभावकों को सौंपने के लिए आपरेशन मुस्कान भी चलाया जा रहा है।