केंद्रीय गृह मंत्रालय अपराधियों पर नकेल कसने आधुनिक तकनीक अपना रहा है। इसी कड़ी में रायपुर पुलिस ने पांच सौ से ज्यादा स्थानीय के साथ अंतर्राज्यीय बदमाशों की फिंगर प्रिंट सहित उनकी संपूर्ण कुंडली नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (नेफीस) में अपलोड किया है।
इससे अपराध की विवेचना करने में पुलिस को आसानी होगी। किसी भी अपराध के अपराधी का क्लू मिलने पर पुलिस नेफीस के माध्यम से पूरी जानकारी हासिल कर सकती है। क्राइम डीएसपी दिनेश सिन्हा के मुताबिक आदतन के साथ संगीन अपराध में पकड़े जाने वाले बदमाशों का डेटा नेफीस सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है। बदमाशों का डिजिटल डेटा यहां प्राइमरी स्टेज पर है। पुलिस अफसर के मुताबिक ठगी सहित कई मामलों में डिजिटल डेटा की मदद से बदमाशों की पहचान कर दूसरे राज्यों से गिरफ्तार कर लाया गया है। आने वाले दिनों में किसी भी अपराध की विवेचना करने के दौरान डिजिटल डेटा मील का पत्थर साबित होगा।
ऐसे तैयार कर रहे डिजिटल डेटा
पुलिस अफसर के मुताबिक, नेप्फीस में बदमाशों का डेटा तैयार करने बदमाशों के फोटो के साथ उनके फिगर तथा फूट प्रिंट लिए जाते हैं। साथ ही बदमाश के पता ठिकाने को जानकारी होती है। साथ ही बदमाश अपराध करने किस तरह का पैटर्न अपनाता है, इसकी भी जानकारी डिजिटल डेटा में रहती है। साथ ही बदमाश के रंग, शरीर के निशान के साथ उसकी काद काठी की जानकारी डिजिटल डेटा में समाहित रहती है।
ऐसे काम करता है डिजिटल डेटा
पुलिस अफसर के मुताबिक किसी घटना में अपराधी के सीसीटीवी या वीडियो फूटेज मिलने पर उसे नेफीस में डालकर पूर्व में अपलोड किए गए बदमाशों के फोटो के साथ मैच किया जाता है। फोटो मैच होने पर पुलिस को एक क्लिक में बदमाश के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाती है।
अपराध करने के तरीके से भी पहचान
अपराधिक घटना में बदमाश के फोटो, वीडियो तथा किसी अन्य तरह के साक्ष्य नहीं मिलने पर पुलिस वारदात के तरीके को देखते हुए नेफीस में डालती है। नेफीस में बदमाशों के अपराध करने के तरीके भी अपलोड रहते हैं। इस आधार पर भी पुलिस बदमाश की पहचान करने में कामयाबी हासिल करती है।
नेफीस में गैंग की भी जानकारी
नेफोस में बदमाशों की जानकारी के साथ देश में सक्रिय अपराधिक गिरोह के बदमाशों की जानकारी अपलोड की जाती है। इनमें सायबर ठगी के साथ फिरौती वसूली करने वाले अपराधिक गिरोह, डकैती, उठाईगिरी तथा चोरी करने वाले गैंग के बारे में जानकारी रहती है। साथ ही मानव तस्करी से जुड़े गैम के बारे में नेफीस में जानकारी अपलोड की गई है।
बदमाशों पर जिलाबदर की तलवार लटकी
राजधानी पुलिस ने शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने आधा दर्जन से ज्यादा बदमाशों के खिलाफ जिलाबदर कार्रवाई करने को अनुशंसा की फाइल जिला दंडाधिकारी के पास भेजी है। एसएसपी संतोष सिंह के मुताबिक अपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहने वाले ऐसे बदमाश जो जेल जाने के बाद भी अपराध करते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ जिलाबदर करने जिला दंडाधिकारी के पास अनुशंसा की गई है।