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October 9, 2024 10:10 am

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‘अंतिम चरण में नक्सलवाद से लड़ाई’: अमित शाह बोले- मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सल समस्या से मुक्त होगा देश

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नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। हम मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूती के साथ रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज है। ये बातें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसोर्ट में नक्सल प्रभावित सात राज्यों की वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में कहीं।
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उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में मेरे साथी नित्यानंद, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम, डीजी और डीआईजी उपस्थित रहे। आज की मीटिंग में छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए सभी राज्यों के डीजी और चीफ सेक्रेटरी बुलाए गए थे, क्योंकि हम छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को एड्रेस करते हुए पड़ोसी राज्यों का इको सिस्टम भी मजबूत होना जरूरी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्रगति और उसकी समस्याओं को दूर करने के संबंध में यह मीटिंग थी।

‘केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का 100% क्रियान्वयन’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का 100% क्रियान्वयन हो रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट हैं उनकी प्रगति और प्रगति के रास्ते में जो बाधायें आ रही हैं, उसे दूर करने के लिए यह बैठक थी और कल यानी रविवार को भी होगी।

सुरक्षा बलों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 73% और 69% की कमी आई
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की मृत्यु में 73% और नागरिकों की मृत्यु में 69% की कमी आई है। साल 2004 से 2014 तक 16 हजार 463 घटनाएं हुईं। साल 2014 से 2024 तक 7 हजार 744 घटनाएं हुईं। इनमें 53 प्रतिशत घटनाओं में कमी आई है। इसमें नागरिकों और सुरक्षा बलो की मृत्यु में पहले 10 साल में 6 हजार 617 सुरक्षाकर्मियों और नागरिक की मृत्यु हुई थी अब इसमें 70 फीसदी कमी आई है।

दो महीने के अंदर छत्तीसगढ़ सरकार लॉन्च करेंगी नक्सल पॉलिसी
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि पिछले 4 वर्ष में वामपंथी उग्रवाद के कारण करीब-करीब 17 हजार लोगों की जान गई है 70 हजार लोग चाहे वो नक्सल आंदोलन से जुड़े हो या सीएफजीएफ के जवान हो चाहे नागरिक हो 17 हजार लोगों की जान इस समस्या के कारण गई है। जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी, इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया। जिनके हाथ में हथियार हैं, उन्हें हथियार छुड़ाने का प्रयास करना और नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें इंगेज देना है। इस क्षेत्र में जो विकास का अभाव दिखाई देता था। व्यक्तिगत, क्षेत्र और गांव का विकास इन तीन चक्र में पूरे देश को विकास की दिशा में के अनुरूप एक क्रम में लाना है। इसके साथ ही एक नए लुक के साथ नक्सल पॉलिसी को छत्तीसगढ़ सरकार एक-दो महीने में लॉन्च करेगी।

शाह की नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जो वामपंथी उग्रवाद में लिप्त या जुड़े हो, सभी युवाओं से अपील है कि भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास, आपके विकास, आपके परिवार के विकास के लिए कटीबद्ध है। नक्सल की नई पॉलिसी को अच्छा प्रतिसाद दीजिए। हथियार छोड़िए और पीएम मोदी के नेतृत्व में जो विकास का रथ चल रहा है। एक नए युग का जो आगाज हो रहा है, उसे मजबूती दें। हम उम्मीद करते हैं कि हमने जो रास्ता अख्तियार किया है, उसके मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश को नक्सलवाद की समस्या से मुक्त कर देंगे।

‘जो नक्सल का साथ नहीं छोड़ेंगे तो होगी कार्रवाई’
शाह ने कहा कि हम सिर्फ कार्रवाई में विश्वास नहीं करते, छत्तीसगढ़ सरकार ने ढेर सारे सांस्कृतिक रूप से कार्यक्रम बनाएं जो नक्सली समस्या से इस सेंटर कितना नुकसान हुआ है और भारत सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के कामों को पहुंचा सकती है जो नए युग के साथ नहीं जुड़ते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जॉइंट टास्क फोर्स बनाई गई है। सूचना के आदान-प्रदान का खाता भी मजबूत हुआ है। भारत सरकार की एजेंसी सभी राज्यों से मिलकर कोआर्डिनेशन के रूप में काम कर रही है। जॉइन ऑपरेशन के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं, जो लोग सरेंडर होना चाहते हैं, हम उन्हें मौका देना चाहते हैं। सबसे बड़ा आंकड़ा सरेंडर होने का है। उसके बाद गिरफ्तारी फिर मृत्यु का है। ये आंकड़े ही बताते हैं कि सरकार की प्राथमिकात क्या है। मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्मे के एक सवाल पर कहा कि पिछले पांच साल तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए बेहतर काम हुआ है। कांग्रेस की सरकार में नक्सल मूवमेंट को दबा दिया था। अब सारे अभियानों में तेजी आई है। नक्सली काउंटर भी ज्यादा ज्यादा हो रहे हैं और सजा भी ज्यादा हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार हर मोर्चे पर बेहतर काम कर रही है। न केवल नक्सल ऑपरेशन बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी आई है।

छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ
केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के उठाए गए कदमों के कारण पिछले 7 महीनों में राज्य सरकार ने इससे पहले अब तक की इसी अवधि में बहुत बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि इन 7 महीनों में सबसे अधिक नक्सली मारे गए हैं। सबसे अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और गिरफ्तार किए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान को और गति देने के लिए सभी पुलिस महानिदेशकों को अपने राज्यों में हर सप्ताह नक्सल ऑपरेशन में लगी टीम के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक नक्सल अभियान की सतत निगरानी नहीं होगी तब तक हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे। संयुक्त फोर्सको हर राज्य में अनुभवी और उपयुक्त बल उपलब्ध हों।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह की मुख्य बड़ी बातें-
भारत सरकार बस्तर से बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक पूरे क्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध है।
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि हिड़मा के गांव में हमारे गृहमंत्री जब आधार कार्ड और आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाते हैं तो बहुत संतोष होता है।
छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद मैं मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और गृहमंत्री जी को को बधाई देता हूं कि उन्होंने बड़ी शिद्दत से दोनों मोर्चों में बहुत अच्छा काम किया है।
हिंसा के रिपोर्ट करने वाले जिले 2010 में 96 थे। 11 जिले नए बने कुछ इस प्रकार से 107 जिले थे, उससे कम होकर अब 42 तक सिमट गए हैं। थानों की संख्या 456 थी, 100 थाने सृजित हुए तो कुल 556 हुए।
सुकमा जिले के छह ऐसे गांव हैं जहां पहली बार आदिवासी भाई-बहनों ने मताधिकार का उपयोग किया।
हिंसा के रिपोर्ट करने वाले जिले 2010 में 96 थे। 11 जिले नए बने कुछ इस प्रकार से 107 जिले थे, उससे कम होकर अब 42 तक सिमट गए हैं। थानों की संख्या 456 थी, 100 थाने सृजित हुए तो कुल 556 हुए।
जो वामपंथी उग्रवाद के लंबे प्रभाव के कारण निरक्षर रह गए हैं, उन्हें साक्षर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार का गृह मंत्रालय अभियान चलाएगा।
179 वामपंथी उग्रवादियों को न्यूट्रलाइज करने का काम अगस्त महीने तक हुआ है। 559 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 540 ने आत्म समर्पण किया है। 46 में स्पेशल फोर्सेज के कैंप स्थापित किए गए हैं। इससे सिक्योरिटी वैक्यूम बहुत बड़ी मात्रा में बढ़ा है।
प्रधानमंत्री की स्ट्रेटजी के कारण चार दशकों के बाद मध्य प्रदेश के चांदामेटा गांव में पहली बार मताधिकार का प्रयोग हुआ।
कौशल विकास के लिए 48 आईटीआई खोलने का लक्ष्य रखा था उसमें से 46 खोल दिए गए है।
2014 से 2024 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवादी की ओर से घटनाएं दर्ज की गई।
नक्सली क्षेत्र में पहली बार बैंक, एटीएम, पोस्ट ऑफिस का पहुंचना शुरू हुआ है।
पिछले 10 सालों में 21,400 करोड़ रुपए और 15,300 टेलीफोन टावर लगाने की योजना रखकर इस पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी के प्रॉब्लम को सॉल्व करने का काम केंद्र सरकार ने किया है।
छत्तीसगढ़ के युवाओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती करेंगे।
नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के सवाल पर कहा कि इस संबंध में विधानसभा चुनाव 2023 में बातें कर चुका हूं।
नक्सली बंकर में छिपे या पाताल में फोर्स उनका खात्मा करेगी।
मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ विकास, प्रॉसीक्यूशन और ऑपरेशन के तीनों मोर्चों पर रणनीति के साथ एक लड़ाई लड़ रही।
राज्यों द्वारा वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों की पढ़ाई के लिए नीति बनाने की आवश्यकता।
जब तक non-returnable point पर पहुंच चुके उग्रवादी को सजा नहीं दिलाएंगे, तब तक इस समस्या पर काबू नहीं पा सकते।
वामपंथी उग्रवाद के वित्त पोषण, हथियारों की सप्लाई और उनकी मैन्युफैक्चरिंग पर कड़ाई के साथ रोकथाम जरूरी।
राज्यों के मुख्य सचिव विकास कार्यों की सतत निगरानी करें, जिससे सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे।

Anash Raza
Author: Anash Raza

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