चुनावों की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सकि्रय हो गए है। राजनीतिक दल भी मतदाताओं के मनोविज्ञान को प्रभावित करने, उपलब्धियों के प्रचार और समर्थन के लिए बड़े पैमाने पर व्हाट्सएप समेत कई सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई राजनीतिक नेता युवा वोटरों से जुड़ने के लिए लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के यूट्यूब चैनलों पर दिख रहे हैं।
भाजपा ने मतदाताओं को जोड़ने के लिए व्हाट्सएप पर व्यक्तिगत रूप से पीएम नरेंद्र मोदी का पत्र भेजा है। कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने सोशल मीिडया क्रिएटर और इन्फ्लुएंसरों से मुुलाकात भी की थी। पार्टी ने माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी वेबसाइट लॉन्च की है। वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी व्हाट्सएप ग्रुप का संचालन कर रही है। इसमें कांग्रस के नेता लोगों से बातचीत करते हैं और सवालों का जवाब देते हैं।
चुनाव विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा, जिस भी दल के बैनर तले अधिक व्हाट्सएप ग्रुप होंगे, वह मतदाताओं के साथ तेज और बेहतर तरीके से संवाद कर पाएगा। राजनीतिक पेजों पर विज्ञापनों पर प्रतिबंधों के कारण सोशल मीडिया पर प्रचार में गिरावट आई है। उपयोगकर्ताओं की बात करें तो व्हाट्सएप के 50 करोड़ और फेसबुक के 36.69 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता हैं।
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