पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों का वार्षिक अखिल भारतीय सम्मेलन शुक्रवार को भुवनेश्वर में शुरू होगा। इस मौके पर आंतरिक सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर, खालिस्तान समर्थक तत्वों, साइबर अपराध, एआई से उत्पन्न चुनौतियों और ड्रोन से उत्पन्न खतरों समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी इस सम्मेलम में शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन गृह मंत्री करेंगे, वहीं प्रधानमंत्री शेष दो दिन उपस्थित रहेंगे और रविवार को समापन भाषण देंगे।
आज रात तक ओडिशा पहुंचेंगे पीएम मोदी
इससे पहले, ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी 29 नवंबर की रात को भुवनेश्वर पहुंचेंगे और एक दिसंबर की दोपहर तक ओडिशा में रहेंगे। यह पहली बार है जब ओडिशा में पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। उन्होंने बताया था कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और खुफिया ब्यूरो के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सभी राज्यों के डीजीपी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और एसपीजी के प्रमुख भी शामिल होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि डीजीपी और आईजीपी रैंक के लगभग 250 अधिकारी सम्मेलन में उपस्थित होंगे। जबकि 200 से अधिक टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिये भाग लेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों की ओर से आतंकवाद-निरोध, ऑनलाइन धोखाधड़ी, नशीले पदार्थों की तस्करी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) जैसे विशिष्ट विषयों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। सम्मेलन कार्य बिंदुओं की पहचान करने और प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है। इसे हर साल प्रधानमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाता है।
सुरक्षा के पुख्ता इंजताम
इस सम्मेलन को लेकर भुवनेश्वर के कई इलाकों में नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया। इसे लेकर एक आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। जिसमें बताया गया कि 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय आईजीपी-डीजीपी सम्मेलन के दौरान बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (बीपीआईए) क्षेत्र, राजभवन, लोक सेवा भवन, आईपीएस मेस और इन स्थानों के बीच का रास्ता नो-फ्लाइंग जोन रहेगा। वहीं, इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के अलावा राज्य पुलिस की 38 प्लाटून जमीनी सुरक्षा प्रदान करेंगी।