वीर बाल दिवस… छोटे साहिबजादों की शहीदी को याद करने वाला दिन। 2022 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व वाले दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को घोषणा की थी कि बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। पिछले साल कर्तव्य पथ पर 3000 बच्चों ने एक साथ मार्च किया था। इस बार इस दिवस को मनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार के राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा ने अपने सभी जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र लिखा हैं जिसमें उल्लेख किया गया हैं कि देश के स्कूल शिक्षा और साहित्य विभाग ने “वीर बाल दिवस ” मनाने का अनुरोध देश के सभी स्कूलों और अन्य विभागों से किया गया हैं जिस तारतम्य में 26 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रम मनाने का दिशा निर्देश दिया हैं। जिसमें विशेष सभा निबंध प्रतियोगिता पोस्टर वाद विवाद कविता इत्यादि जैसे कार्यक्रम आयोजित करना हैं और स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग(DOSEL) के द्वारा कहा गया हैं कि स्वायत संस्था अपने आधिकारिक सोशल मीडिया में इसका वीडियो बना कर प्रसारित करें और उसे एक लिंक दिया गया हैं उसमे प्रविष्टि करने का भी आदेश दिया गया।
पिछले साल कर्तव्यपथ पर निकला था मार्च
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व प्रेजिडेंट और बीजेपी के नैशनल सेक्रेटरी मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पिछले साल देश के इतिहास में पहली बार था कि जिस पथ पर सिर्फ 26 जनवरी की परेड निकलती थी, वहां छोटे साहिबजादों की याद में मनाए जा रहे वीर बाल दिवस के मौके पर मार्च निकला। आर्मी बैंड की धुनों कदम से कदम मिलाते जवान, पीछे साहिबजादों को दीवार में चिनवाने वाली ऐतिहासिक फोटो वाली झांकी और पीछे 3000 बच्चे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से निकलकर इंडिया गेट होते हुए कर्तव्य पथ पर साहिबजादों के इतिहास को देश और दुनिया के सामने पहुंचाया। सभी सरकारी दफ्तरों में, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप, स्कूलों के अलावा विदेश में भी एंबेसियों और हाइ कमीशन ऑफिस में वीर बाल दिवस मनाया गया और हर धर्म के लोगों तक शहीदी इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। कई लैंग्वेज में ट्रांसलेशन कर इतिहास आज भी पढ़ाया जा रहा है।