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January 15, 2025 5:16 am

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त्रिवेणी संगम पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब, मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान

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महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशी भक्त भी महाकुंभ पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है। चारों ओर आध्यात्मिकता का प्रकाश और धर्म की गूंज है। आज मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों का अमृत स्नान करीब साढ़े नौ घंटे तक चलेगा। शिविर से निकलने और वापस आने में 12 घंटे से भी अधिक समय लगेगा। 

‘सभी अखाड़ों को अमृत स्नान के लिए 40-40 मिनट का समय’

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया, ‘सभी अखाड़ों को अमृत स्नान के लिए 40-40 मिनट का समय दिया गया है। और सभी अखाड़े एक के बाद एक पवित्र डुबकी लगाएंगे। बहुत ही दिव्य और स्वच्छ कुंभ है।”

अमृत स्नान का अद्भुत नजारा

महाकुंभ में मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े के संत डुबकी लगा रहे हैं। 

पहले स्नान के लिए पहुंचे महानिर्वाणी-अटल अखाड़े के संत

त्रिवेणी संगम पर महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े के संत पहले स्नान के लिए पहुंचे हैं। महिला संतों ने भी आना शुरू किया।

निरंजनी अखाड़े के संत अमृत स्नान के लिए निकले

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान जारी है। महानिर्वाणी अखाड़े के संतों का अमृत स्नान हो गया है। संत स्नान कर लौटने लगे हैं। निरंजनी अखाड़े के संत अमृत स्नान के लिए निकले हैं। 

महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के संतों ने लगाई पवित्र डुबकी

महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने मकरसंक्रांति पर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान की शुरुआत करते हुए पवित्र डुबकी लगाई।

लोगों के आने-जाने के रास्ते निर्धारित

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान जारी है। लोगों के आने और जाने के रास्ते निर्धारित हैं। भीड़ को सही तरीके से संचालित किया जा रहा है।

‘मैं आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करने आया हूं’

महा कुंभ में शामिल होने आए जर्मन नागरिक थॉमस ने बताया, ‘मैं महाकुंभ मेले में भाग लेने आया हूं। अभी मैंने डुबकी नहीं लगाई है पर डुबकी लगाऊंगा। मुझे लगता है कि पानी ठंडा होगा लेकिन मैं कर लूंगा। मेले का आयोजन बहुत अच्छे से किया गया है और मेला बहुत बड़ा है। मैं यहां आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करने और भारतीय लोगों से मिलने आया हूं।’

Faizan Ashraf
Author: Faizan Ashraf

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