रायपुर। इंडियन रोड कांग्रेस के 83वें वार्षिक अधिवेशन का शुक्रवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुभारंभ किया। यहां पहले दिन देशभर से हजारों इंजीनियर और सड़क विशेषज्ञ शामिल हुए । अधिवेशन में सड़क दुर्घटनाओं से बचने और मजबूत सड़क निर्माण को लेकर विभिन्न मशीन आई है, जो पूरी तरह से आधुनिक है। यह सभी मशीन विदेश में बनी हुई है, जिसके कारण कई मशीनों का उपयोग देश के कुछ राज्यों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया जा रहा है। हरिभूमि ने मशीन कंपनियों के विशेषज्ञों से बातचीत की, तो उनका कहना है कि सड़क हादसों के मामले में भारत भी प्रमुख देशों में शामिल है। विदेशों के शहरों में सड़क दुर्घटना कम होने के पीछे मुख्य वजह आधुनिक मशीन से सड़क का मेंटेनेंस व जांच करना है।
अधिवेशन में स्विटजरलैंड में बनी सड़क जांच के लिए जीआरपी सिस्टम मशीन आई हुई है, जिसे इंजीनियर की सरल भाषा में सड़क एक्स-रे मशीन भी कहते हैं। इसकी मदद से चंद मिनटों में सड़क को बिना खुदाई करे पता लगाया जा सकता है कि सड़क के नीचे क्या है। यह मशीन सड़क की मजबूती भी बता सकती है। एक्स-रे की तरह मशीन के डिस्पले में सड़क के नीचे की परत की लंबाई और सड़क तैयार करने में कितनी मात्रा में क्या डाला गया, यह भी पता लगाया जा सकता है। विदेश में इस मशीन का उपयोग सड़क गुणवत्ता जांच करने किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि भारत में इसके उपयोग को लेकर सरकार से बात चल रही है।
विदेशों में एक दिन में 60 किमी सड़क निर्माण
ऑस्ट्रेलिया की कंपनी एआरबी सिटम्स इंटेलिजेंट पेवमेंट असेसमेंट व्हीकल लेकर आई है। इस हाईटेक व्हीकल के जरिए सड़कों की स्थिति का आकलन किया जा सकता है। जर्जर सड़कों की मरम्मत भी उच्च गुणवत्ता के साथ की जा सकेगी। यह व्हीकल एक दिन में 50 से 60 किलोमीटर की सड़क बनाने में सक्षम है। कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद कुमार ने कहा कि अभी ये व्हीकल कनाडा, साउथ अफ्रीका, स्वीडन, चाइना, ब्राजील, यूएस जैसे देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भारत में सेवा देने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय से बातचीत जारी है। इस व्हीकल के भारत आने से सड़कों की गुणवत्ता और बढ़ जाएगी।