संविलियन काल 2018 से ही प्रदेश के सहायक शिक्षक अपने वेतन विसंगति ( समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन गणना) को लेकर आंदोलनरत रहें हैं,यहां तक कि इस समस्या समाधान के लिए प्रदेशभर के सहायक शिक्षक एक मंच में आकर विभिन्न संगठनों के साथ सहायक शिक्षक फेडरेशन का निर्माण किए और अपने वेतन विसंगति को दूर करने शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़े पर निर्णायक भूमिका नगण्य रही इस बीच विसंगति के साथ ही हजारों की संख्या में सहायक शिक्षक पदोन्नत होकर प्राथमिक प्रधान पाठक और उच्च वर्ग शिक्षक बन गए लेकिन उनका वेतनमान पद अनुरूप ही प्रारंभिक रहा।
मनीष मिश्रा ने सहायक शिक्षकों को दिया धोखा न्यायालय के बजाय आंदोलन में उलझाए रखा-टीचर्स राइट्स लीगल सेल…
माननीय उच्च न्यायालय ने सीना साहू WA 261/2023 में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जिसके अनुसार राज्य शासन के पंचायत विभाग के अंतर्गत नियुक्त शिक्षक संवर्ग को समय समय पर विभिन्न वेतनमान दिया जाता रहा हो हमेशा से विवाद में रहा और आंदोलन का कारण बना इसी के तहत 2011 में दस साल की सेवा अवधि वालो को क्रमोन्नत वेतनमान उसके बाद 2012 में 7 वर्ष की सेवा में समयमान वेतनमान जो की कार्यरत पद विरुद्ध उच्चतर वेतनमान था दिया गया पर 2013 में शिक्षक के समान वेतनमान के नाम पर दोनो उच्चतर वेतनमान को खत्म करके धारित पद का प्रारंभिक वेतनमान दे दिया गया यही कोर्ट के नाराजगी और हम शिक्षकों के न्याय का रास्ता बनता जा रहा है। यही कारण है कि अब वेतन विसंगति दूर करना या पूर्व सेवा गणना करके त्रिस्तरीय समयमान या क्रमानत वेतनमान देना न्यायालय ही संभव कर सकता है वरना इस मांग के आड़ में तो संगठन के नेता आज तक अपनी रोटी सकते नजर आए अब इस समस्या का समाधान संगठन के नेताओं की बस की बात नहीं है जिस प्रकार निम्न से उच्च पद का लाभ पदोन्नति संशोधन यथावत रखने का मामला है न्यायालय से ही समस्या का समाधान हो पाया है वैसे ही अब सोना साहू के प्रकरण के बाद माननीय उच्च न्यायालय ही समस्या का निराकरण कर सकता है जिसको आज तक संगठन के नेतागण नकारते आए यह कहना है सहायक शिक्षक फेडरेशन के संस्थापक सदस्य शिव सारथी का।
क्या कहना है शिक्षक नेता शिव सारथी का….
उनका कहना है कि न्यायालय लड़ाई का प्रस्ताव उन्होंने सहायक शिक्षक फेडरेशन के कथा कथित प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा और पूरे प्रदेश कमेटी के बीच रखा था, जिसे सहायक शिक्षक फेडरेशन जो कि वर्तमान में समग्र शिक्षक फेडरेशन के नाम से संचालित है एक सिरे से खारिज कर दिए और उन्होंने न्यायालय से कुछ नहीं होने वाले की बात को प्रदेश भर में झूठा प्रसारित करके लोगों को न्यायालय जाने से रोका इसके बावजूद श्री सारथी के नेतृत्व में आज भी बहुत से लोगों ने वेतन विसंगति दूर कर समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण करने और प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त सेवा लाभ पदोन्नति क्रमोन्नति का प्रकरण न्यायालय में लगा रखें है जिसका सोना साहू के निर्णय के बाद निर्णय होने का रास्ता प्रशस्त हो गया श्री श्री सारथी ने अपील किया है कि वे जल्द ही अपने न्यायालीन प्रकरण के लिए बनाए गए टीचर राइट्स लीगल सेल के माध्यम से न्यायालय से समस्त शिक्षकों के लिए एक जनरल आर्डर पारित करवाने का याचिका लगाएंगे जिसका आधार सोना साहू प्रकरण बनेगा तब तक सभी शिक्षक धैर्य पूर्वक न्यायालय के अंतिम निर्णय पर नजर बनाए रखने की अपील शिव सारथी ने किया है।