रायपुर. छत्तीसगढ़ में आज राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. दोपहर 3 बजे से निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा. इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से होंगे, जबकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की पैनी नजर सभी प्रत्याशियों के चुनाव में होने वाले खर्चों पर भी रहेगी. छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मेयर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय कर दी गई है. 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी 25 लाख, 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख और 3 लाख से कम आबादी वाले निगम 15 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे.
नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए चुनावी खर्च की राशि तय
वहीं, 50 हजार से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे. इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपए है.
पार्षदों के लिए चुनावी खर्च की राशि निर्धारित
ऐसे नगर निगम, जहां 3 लाख या उससे ज्यादा जनसंख्या है वहां पार्षद 8 लाख रुपए तक चुनावी खर्च कर सकेंगे. वहीं में 3 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में खर्च की सीमा 5 लाख रुपए होगी. वहीं नगर पालिका में पार्षदों के खर्च की सीमा 2 लाख और पंचायतों में 75 हजार निर्धारित की गई है.
बता दें कि अभी 14 नगर निगमों में से 10 नगर निगम, 54 नगर पालिकाओं में 45 के नगरपालिका परिषद और 124 नगर पंचायतों में से 114 नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए चुनाव होंगे.
जानिए आचार संहिता में किन बातों का रखना होगा ध्यान:
प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा, इसे लेकर राज्य शासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है.
- आचार संहिता से संबंधित विषय पर तत्कालिक निर्णय लेना आवश्यक हो तो राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श कर निर्णय लिया जाए.
- कर्मचारियों व अधिकारियों को कलेक्टर की बिना अनुमति के अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। नियुक्ति व पदस्थापना भी प्रतिबंधित रहेगी.
- सरकार के मंत्री कोई घोषणा नहीं कर पाएंगे और न ही भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे.
- लाउडस्पीकर के उपयोग, वाहनों की व्यवस्था, विश्रामगृहों व भवनों में कमरों का आरक्षण, निर्वाचन के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था, शिकायतों के निराकरण, स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं आदि के वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध आदि के संबंध में भी दिशा-निर्देश.