जशपुर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले में जशपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम दास डुमरटोली के शासकीय प्राथमिक में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान भोजन में न्योता भोजन की अवधारणा ने आज अभिभावक , जनप्रतिनिधि ही नहीं बल्कि विद्यालय के शिक्षकों ने अध्ययनरत छात्र छात्राओं को न्योता भोजन के अंतर्गत भोज का आयोजन किया। विद्यालय के प्रधान पाठिका फिरदौस खानम ने बताया कि न्योता भोजन खाकर बच्चों के चेहरे पर खुशियां देखते ही बन रही है , साथ ही इसको लेकर समुदाय, सामाजिक संगठनों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
इसी अभिनव पहल में जशपुर विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला दास डुमरटोली में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत स्कूली बच्चों के लिए माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक श्रीमती किरण चौहान, अभिषेक अंबस्ट एवम विद्यालय के प्रधान पाठिका फिरदौस खानम के तरफ से बच्चों को न्योता भोजन कराया।
बच्चों को नियमित मध्याह्न भोजन के साथ पौष्टिक खीर, पुड़ी, छोला, सब्जी, पेड़ा तथा केला,अंगूर, मंच चॉकलेट और अन्य व्यंजन अपने हाथों से परोसे गए। भोजन करते समय बच्चों के चेहरे पर अपार खुशियां झलक रही थी, वे आज बहुत ही खुश थे।
संस्था के प्रधान पाठक फिरदौस खानम एवं अभिषेक अंबस्ट ने आभार ब्यक्त करते हुए कहा कि अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण दिन जैसे अपना जन्म दिन, शादी विवाह, शादी सालगिरह इत्यादि अन्य कार्यक्रमों को स्कूली बच्चों के साथ मनाएं। उन्हें इसी प्रकार से न्योता भोजन दें। उन्हें पूरा भोजन भी कराया जा सकता है या उनके भोजन में पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल किया जा सकता है। इससे समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास एवं भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना का विकास होगा। भोजन के पश्चात विद्यालय के सभी अन्य शिक्षक, रसोइया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित सभी विद्यार्थियों ने न्योता भोजन कराने वाले शिक्षकों को जन्मदिन व सालगिरह की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वास्थ्य व दीर्घायु जीवन की कामना किये।
क्या है न्योता भोजन: छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले खाने को सामुदायिक भागीदारी के जरिए और ज्यादा पोषक बनाने की पहल है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है। कोई भी व्यक्ति, समुदाय के लोग अथवा सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि किसी भी खास अवसर पर या स्वेच्छा से सरकारी स्कूलों में भोज का आयोजन कर सकता है। इसके अलावा खाद्य सामग्री की योगदान भी कर सकता है। न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले मिड डे मील का विकल्प नहीं होगा बल्कि यह इसके अतिरिक्त होगा। इसका तात्पर्य यह है मिड डे मील के साथ यह भोजन अतिरिक्त होगा।
खास मौकों पर स्कूलों में न्योता भोजन: न्योता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित, समाज , गांव के सज्जन अपनी इच्छा से बच्चों को भोजन करा सकते है। त्यौहारों या अवसरों जैसे एनीवर्सरी, जन्मदिन, शादी और राष्ट्रीय पर्व पर इसका आयोजन किया जा सकता है. ऐसे दिनों में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन खिलाया जा सकता है।इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं।दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा या एनवल फंक्शन में सम्मानित किया जा सकता है। न्योता भोजन के दिन दानदाता को स्कूल में आमंत्रित कर इसकी घोषणा भी की जा सकती है।
न्योता भोजन के लिए कैश या चेक नहीं दे सकते: बच्चों को खिलाने वाला न्योता भोजन उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होगा. फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। न्योता भोजन के लिए कैश या चैक नहीं लिया जाएगा।