छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटों में से करीब पांच सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पहली सूची में कर सकती है. दिल्ली में आज केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर मंथन होना है. बैठक में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हारी हुई सीटों पर चर्चा होने की संभावना है. बता दें कि 2019 के चुनाव में बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस के खाते में केवल दो सीटें आई थीं.
दुर्ग से सांसद विजय बघेल को पार्टी एक बार फिर मैदान में उतार सकती है. विजय बघेल ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. विजय बघेल ने पाटन सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, जबकि इस सीट को बीजेपी कठिन मानकर चल रही थी. विजय बघेल ने दमदारी से चुनाव लड़ा. यही वजह है कि पार्टी उन्हें टिकट देकर उपकृत कर सकती है. हालांकि विजय बघेल के अलावा जिन नामों को लेकर चर्चा है उनमें जीतेंद्र वर्मा और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय का नाम भी शामिल है.
राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व सांसद मधुसूदन यादव की मजबूत दावेदारी सामने आई है. कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो मधुसूदन को पार्टी टिकट दे सकती है. हालांकि इस सीट से वर्तमान सांसद संतोष पांडेय की दावेदारी बरकरार है. लोधी समाज से आने वाले कोमल जंघेल का नाम भी चर्चाओं में लिया जा रहा है. इसके अलावा गोपाल साहू का नाम भी चर्चा में है.
बिलासपुर लोकसभा सीट को लेकर सर्वाधिक दावेदारी सामने आई है. इनमें पूर्व मंत्री और विधायक अमर अग्रवाल, पूर्व सांसद लखनलाल साहू, शील साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, पूर्व विधायक रजनीश सिंह, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, पार्षद राजेश सिंह और पूर्व महापौर किशोर राय के नाम चर्चा में सामने आए हैं.
बस्तर लोकसभा सीट के लिए कोंडागांव विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई लता उसेंडी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखी जा रही है. हालांकि दौड़ में दंतेवाड़ा के पूर्व विधायक दिवंगत भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी का नाम भी चर्चा में रहा है. वहीं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप भी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं. सुभाऊ कश्यप भी दावेदारों की फेहरिस्त में शामिल हैं. संगठन के जानकार बताते हैं कि इन सब में लता उसेंडी का पलड़ा सबसे भारी दिखता है.
कोरबा सीट को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का नाम तेजी से सुर्खियों में रहा है. हाल ही में राज्यसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल खत्म हुआ है. सरोज पांडेय की कोरबा में बढ़ी सक्रियता भी उनकी मजबूत दावेदारी की ओर इशारा कर रही है. हालांकि दावेदारी की दौड़ में विकास महतो एक बड़े दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं. विकास पूर्व सांसद बंशीलाल महतो के बेटे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने शिकस्त दी थी. इसके अलावा प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, अनुराग सिंहदेव, अशोक चवलानी और सुषमा खलखो का नाम भी चर्चा में है.
सरगुजा लोकसभा सीट के लिए चिंतामणि महाराज रेस में आगे दिख रहे हैं. विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए चिंतामणि महाराज ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी ज़ाहिर की थी. उनके नाम के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधायक रेणुका सिंह, पूर्व विधायक चंपादेवी पावले, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा और पूर्व सांसद कमलभान सिंह का नाम रेस में शामिल है.
रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए गेंद बिहारी सिंह की दावेदारी सामने आई है. इनके अलावा रोहित साय, गणेशराम भगत, रवि भगत, गोमती साय भी दावेदारों में शामिल हैं. जांजगीर चाम्पा सीट के लिए जिन नामों पर चर्चा है उनमें मंजूषा पाटले, नवीन मार्कण्डेय, अंबेश जांगड़े, निर्मल सिन्हा, पूर्व मंत्री डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, कमलेश जांगड़े के नाम शामिल हैं. वर्तमान सांसद गुहराम अजगले की इस बार भी दावेदारी बनी हुई है.
रायपुर लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की दौड़ में लक्ष्मी वर्मा का नाम सुर्ख़ियों में है. हालांकि दावेदारों की फ़ेहरिस्त में मौजूदा सांसद सुनील सोनी के अलावा केदार गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, डॉ. विजय शंकर मिश्रा, शिवरतन शर्मा, उज्जवल दीपक के नाम भी लिये जा रहे हैं. महासमुंद लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद चुन्नीलाल साहू के अलावा पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर का नाम चर्चा में शामिल है. कांकेर लोकसभा सीट से विकास मरकाम और राधेलाल नाग के नाम दावेदारों में लिये जा रहे हैं.