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January 8, 2025 12:35 pm

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कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर…. ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका कंपनी ने कबूली साइड इफेक्ट की बात….

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कोरोना महामारी के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को डराने वाली खबर सामने आ रही है, ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने खुद साइड इफेक्ट होने की बात कबूली है।कोरोना बीमारी के समय कोरोना से बचने के लिए कई देशी विदेशी कंपनी ने वैक्सीन बनाए थे और उस वक़्त सभी देशों में इन वैक्सीनों का टीका लगाया गया था। विवाद उस वक़्त भी हुए थे लेकिन अब ब्रिटेन में खुलकर इस वैक्सीन पर आरोप लगाए जा रहे हैं जिसकी पुष्टि द टेलीग्राफ ने भी की हैं। एस्ट्रोजेनेका वैक्सीन के ऊपर ये आरोप लगाए गए हैं।

वैक्सीन लेने के बाद मौत, ब्लड क्लॉटिंग और दूसरी गंभीर दिक्कतों के कारण एस्ट्राजेनेका कानूनी कार्रवाई का सामना कर रही है, ब्रिटेन में कई परिवारों ने आरोप लगाया कि वैक्सीन के कारण गंभीर साइड इफेक्ट हुए हैं।भारत में करीब 80 फीसदी वैक्सीन डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है।ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं, एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था।यूके हाई कोर्ट में कंपनी के खिलाफ 51 केस दर्ज हैं, पीड़ित परिवार वाले कंपनी से करीब 1000 करोड़ रुपये (100 मिलियन पाउंड) मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

आखिर कैसे हुए खुलासा

ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने कोर्ट के दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट तैयार की, इसके मुताबिक, एस्ट्राजेनेका के खिलाफ पहला केस जेमी स्कॉट नाम के व्यक्ति ने दर्ज करवाया था।अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद वे स्थायी रूप से ब्रेन इंजरी का शिकार हो गए, वैक्सीन लेने के बाद वो काम नहीं कर पाए।जेमी की हालत ऐसी थी कि अस्पताल ने उस दौरान उनकी पत्नी को तीन बार कॉल करके बताया कि उनके पति मरने वाले हैं।जेमी को TTS (थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसायटोपीनिया सिन्ड्रोम) नाम का गंभीर साइड इफेक्ट हुआ, इससे लोगों के दिमाग में खून के थक्के (Blood clots) बन जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है।रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका ने इस साल फरवरी में ही कोर्ट में डॉक्यूमेंट जमा किया और बताया कि इसकी कोविड वैक्सीन से कुछ मामलों में TTS हो सकता है।

भारत में इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था, इसी कंपनी ने इलेक्ट्रॉरल बॉन्ड भी खरीदा था…..

जब एस्ट्राजेनेका(भारत में कोविशील्ड )की कोविड-19 वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी, तब भी इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर खूब विवाद हुआ था हालांकि तब कंपनी ने कहा था कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले कहा गया था कि वैक्सीन लगने के बाद थकान, गले में दर्द और हल्का बुखार जैसे लक्षण दिखे। लेकिन किसी की मौत या गंभीर बीमारी का कोई मामला सामने नहीं आया.भारत में इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने किया था,मार्केट में वैक्सीन आने से पहले ही SII ने एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता किया था। सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है।भारत में करीब 80 फीसदी वैक्सीन डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है.

Jayant Singh
Author: Jayant Singh

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