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January 22, 2025 8:15 pm

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महाकुंभ में खगोलीय संयोग: आकाश में कतार में रहेंगे 7 ग्रह, राशियों पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव……..

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MahaKumbh 2025: अगर यूं कहा जाए कि इन दिनों लगभग पूरे विश्व की नजरें प्रयागराज में लगी हैं तो शायद इसमें कोई दो राय न हो। ऐसा इसलिए क्योंकि महाकुंभ चल रहा है और श्रद्धालु हर रोज यहां भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे।

ऐसे में ये समझा जा सकता है कि कि महाकुंभ सिर्फ कोई धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि, ये श्रद्धा और भारतीय संस्कृति का महापर्व भी है। इन सबके बीच, लेकिन शायद आप ये न जानते हों कि इस बार का महाकुंभ 2025 इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें ऐसे खगोलीय संयोग हो रहे हैं जो 144 वर्षों में एक बार होते हैं। तो चलिए इस बारे में जानते हैं। 

The presence of 7 planets in a row in the sky during Mahakumbh will have such an impact on the zodiac signs

क्या होने वाला है?

  • दरअसल, इस बार का महाकुंभ इसलिए बेहद खास है क्योंकि 144 वर्षों के बाद महाकुंभ में 12 तारीख से 7 ग्रह एक ही कतार में आ रहे हैं। ऐसे में ये महाकुंभ अमृत महाकुंभ की श्रेणी में आ गया है। बुध, शनि, शुक्र, गुरु, मंगल, नैपचून और यूरेनस जनवरी से एक सीध में हैं। इसे आप ऐसे समझिए कि इनके एक सीध में होने से इसका व्यापक प्रभाव देश और दुनिया के अलावा राशियों पर भी पड़ेगा। 28 फरवरी तक सभी ग्रह एक सीध में आ जाएंगे जिसके चलते ये एक अद्भुत संयोग बनेगा।
The presence of 7 planets in a row in the sky during Mahakumbh will have such an impact on the zodiac signs

इन चीजों के लिए होगा लाभकारी

  • इस अद्भुत अवसर का फायदा उठाया जा सकता है। इस समय का उपयोग आत्मनिर्माण और मानसिक शांति के लिए करना बेहद लाभकारी हो सकता है
  • ये समय बदलाव के अलावा नए अवसरों और समृद्धि की और बढ़ने का हो सकता है
The presence of 7 planets in a row in the sky during Mahakumbh will have such an impact on the zodiac signs

इन राशियों पड़ेगा असर

  • बात अगर उन राशियों की करें जिनका इस पर असर पड़ेगा तो आकाश में देखा जाए तो ये 7 ग्रह दक्षिण-पश्चिम से पूर्व की तरफ देखे जा सकते हैं। इसका मतलब है कि मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि इस क्षेत्र में हैं
  • वहीं, इन ग्रहों द्वारा ऊर्जा का प्रवर्तन सबसे ज्यादा सिंह, कर्क, वृश्चिक और कन्या राशि पर पड़ेगा।

कब हुआ था पहला ऐसा संयोग?

  • जैसा कि इस बार ये दुर्लभ संयोग बन रहा है। ठीक ऐसे ही वर्ष 1962 में ये दुर्लभ संयोग बना था। वहीं, अब अगली बार ये संयोग वर्ष 2050 में बनेगा। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस महाकुंभ को अमृत महाकुंभ कहा जा रहा है।
Faizan Ashraf
Author: Faizan Ashraf

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