बंगाल विधानसभा में आज मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी विधेयक पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया, विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक को ऐतिहासिक करार दिया।
प्रस्तावित विधेयक में दुष्कर्म और पीड़िता की मौत के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को बिना जमानत के आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया है।
बीजेपी विधायकों ने भी समर्थन दिया…
विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा में भाजपा विधायक शिखा चटर्जी, अग्निमित्रा पॉल और शुभेंदु अधिकारी ने भी अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों के तहत हम जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक विशेष अपराजिता टास्क फोर्स का गठन करेंगे। जिससे तय समय में महिला-बाल अपराधों के मामले में जांच पूरी कर दोषियों को सजा दिलाई जा सकेगी।
बिल पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, हम चाहते हैं कि यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो। इसे लागू करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हमें परिणाम चाहिए।यह सरकार की जिम्मेदारी है. हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री के बयान को आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको गारंटी देनी होगी कि यह बिल तुरंत लागू किया जाएगा। “
कोलकाता की घटना के बाद कानून को मजबूत करने की उठी है मांगबंगाल सरकार के इस विधेयक ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ का उद्देश्य दुष्कर्म और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है। बीते महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर जारी हंगामा अभी तक थमा नहीं है। राज्य में महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है।
एंटी रेप बिल के बारे में जानिए
इस बिल के भीतर रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान.
चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान.
21 दिन में जांच पूरी करनी होगी.
अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान.
हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान.
रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स लेगी एक्शन.
रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान.
पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान.
विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए BNSS प्रावधानों में संशोधन शामिल.
सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान.