छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें दो नक्सली मारे गए। इस साल अबतक के तीन महीनों में राज्य में 29 माओवादी ढेर हो चुके हैं। यह संख्या पिछले साल 2023 में पूरे राज्य में मारे गए माओवादियों की कुल संख्या से ज्यादा है। लेटेस्ट ताजा मुठभेड़ दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर पुरंगेल गमपुर वन क्षेत्र में हुई। दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने कहा, ‘दो माओवादियों- एक पुरुष और एक महिला, के शव बरामद किए गए हैं। दो स्वदेशी हथियार और विस्फोटक भी जब्त किए गए हैं।’
इस साल मारे गए 29 माओवादियों में से सभी बस्तर रीजन में ढेर किए गए हैं। 29 में से 13 बीजापुर में, पांच-पांच दंतेवाड़ा और कांकेर में, चार सुकमा में और दो नारायणपुर में मारे गए। इस साल अबतक हुई नक्सल संबंधित घटनाओं में 12 नागरिकों और छह सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हुई है। हालांकि, मारे गए लोगों के परिवार की तरफ फर्जी मुठभेड़ के आरोप भी लगाए गए हैं।
25 फरवरी को कांकेर में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए माओवादी विरोधी एनकाउंटर में तीन लोगों की मौत हुई थी। स्थानीय निवासियों और रिश्तेदारों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कोयलीबेड़ा में पुलिस स्टेशन तक मार्च किया। उनका कहना था कि मारे गए तीनों व्यक्ति माओवादी नहीं थे। इसके बाद घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए। पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव के बाद से राज्य में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए गए हैं।
इस साल जनवरी में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों और सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ एक समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) अगले तीन साल में खत्म हो जाना चाहिए। तब से, बस्तर रीजन में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।बस्चर रीजन में सात जिले- कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा आते हैं। पुआरती सहित माओवादियों के गढ़ों में पुलिस द्वारा 14 से अधिक पुलिस शिविर बनाए गए हैं, जो कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) का नेतृत्व करने वाले खूंखार मदवी हिडमा का गांव है। हिडमा का उत्तराधिकारी बरसे देवा भी पुआरती से है।