सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय और संरक्षक श्री विवेक दुबे जी के मार्गदर्शन में युक्तियुक्त करण के विरोध में प्रदेश के सभी विधायकों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है।
इसी कड़ी में आज कोरिया जिलाध्यक्ष श्री समोद दुबे के नेतृत्व में कोरिया जिले के सर्व शिक्षक संघ के साथियों ने बैकुंठपुर विधायक श्री भईयालाल राजवाड़े जी को ज्ञापन सौंपा और युक्तियुक्त करण से पूर्व पदोन्नति और खुला स्थानांतरण नीति जारी करने का सुझाव प्रस्तुत किया।जिस पर माननीय विधायक महोदय के द्वारा तत्काल जिलाशिक्षाधिकारी और संयुक्त संचालक महोदय को फ़ोन लगाकर संभाग स्तरीय सभी पदों पर प्रमोशन करने हेतु निर्देशित किया।
ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से संघ के पदाधिकारी अनुपम राजवाड़े, सुरेन्द्र राजवाड़े, सुदर्शन साहू,, खगेश पैकरा,, राम सिँह पैकरा ,रवि कुमार बैगा, रामेश्वर राजवाड़े, प्रदीप कुमार, श्री नरेंद्र सिंह और साथी उपस्थित थे l
सर्व शिक्षक संघ के कोरिया जिला अध्यक्ष समोद दुबे ने संवाददाता से कहा कि इस से पूर्व भी 2014 युक्तियुक्तकरण हुआ था और अतिशेष शिक्षकों को शिक्षक विहीन शाला और एकल शिक्षकीय शाला में उन्हें भेजा गया था। इस दौरान शिक्षा विभाग में पदोन्नति और नई भर्ती भी हुई लेकिन समझने वाली बात यह है कि क्या नई भर्ती और पदोन्नति इस तादाद में हुई कि आज 13000 से ज्यादा शिक्षक अतिशेष हो गए हैं। अतिशेष का मूल कारण यह है कि अधिकारी विभिन्न स्कूलों में पद रहते हुए भी वहां पर उन्हें पोस्टिंग दे दी और इसीलिए कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो गई है, जबकि जो नई भर्ती हुई है उनकी पदस्थापना शिक्षकविहीन शाला और एकल शिक्षकीय शाला में होनी थी। आज मैं सवाल पूछता हु कि अधिकारी बताये कि ऐसा क्या हुआ कि, उन नए शिक्षकों की पदस्थापना जहां पहले से ही शिक्षक पदस्थ है वहां कैसे हुई। इसका सीधा-सीधा मतलब यह होता है कि कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ तो गलत हुआ है और अगर यह युक्तिकरण जो बहुत गलत तरीके से हो रहा है, अगर यह होता है तो भविष्य में ना तो किसी शिक्षक का प्रमोशन हो पाएगा और ना ही भविष्य में किसी शिक्षक का स्थानांतरण हो पाएगा क्योंकि पद रहेगा ही नहीं तो शिक्षा विभाग कैसे पदोन्नति और नई भर्ती करेगा। प्राथमिक शाला ज़ो शिक्षा का आधारस्तम्भ है नींव है उसे इस युक्तियुक्तकरण से पूरी तरह से बर्बाद कर देगा, सोचकर देखिये दो शिक्षक किस तरह पांच कक्षा के 18 विषय पढ़ाएंगे और वो भी किन हालातों में जिसमें अपने विभाग के कई कार्य करने के साथ साथ विभिन्न तरह के प्रयोगात्मक कार्य हमेशा करना पड़ता है। शिक्षक कोई रोबोट नहीं कि बैटरी भरें और आर्डर देदे शिक्षक बस आर्डर पूरा करते रहे, हमारे बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए।