एआईएमआईएम ने लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बड़ा गेम प्लान कर रहे हैं। वो आने वाले आम चुनावों में पुरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने वाले हैं, खासकर लोकसभा सीटों के लिहाज देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर उनकी खास नजर है। ओवेसी का ध्यान राज्य की उन सीटों पर है जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या ज्यादा है। इनमें अलीगढ़, सहारनपुर, बिजनौर, कैराना, संभल, अमरोहा, आजमगढ़ और बुलंदशहर जैसी सीटें शामिल हैं। बता दें कि 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 14 प्रतिशत, बीजेपी को 8, सपा-बसपा गठबंधन को 73 प्रतिशत और अन्य को 5 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था। ऐसे में अगर ओवेसी का प्लान काम कर गया तो फिर यूपी में इंडिया गठबंधन का खेल बिगड़ सकता है।
सपा को विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों कि सेंधमारी करते हुए कई सीटों पें नुकसान पहुँचाने का आरोप सपा ने लगाया था….
2022 के विधानसभा चुनाव में भले ही ओवैसी की पार्टी अपना खाता न खोल पाई हो लेकिन कई सीटों पर सेंधमारी कर उसने सपा की हालत खराब कर दी थी। इस बार ओवैसी का टारगेट सीधे मुस्लिम वोट साधने का है। इसके लिए ओवैसी ने राम मंदिर, तीन तलाक, सीएएम, यूनिफॉर्म सिविल कोड, हिजाब मामला, आर्टिकल 370, ज्ञानवापी जैसे मामलों को प्रमुख मुद्दा बनाया है। खबर है कि ओवैसी यूपी की 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगें। जिनके नाम भी तय हो गए हैं और जल्द ही इनका ऐलान हो सकता है।
क्या वाई-एम’ फॉर्मूला पें ही ही नज़र है पार्टी की….
2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने 5 सीटों पर जीट दर्ज की थी। इसमें संभल, मुरादाबाद, रामपुर, आजमगढ़ और मैनपुरी की सीटें शामिल हैं। इस बार भी अखिलेश का ध्यान इन सीटों पर था। अखिलेश एस बार भी ‘वाई-एम’ फॉर्मूला यहां लगाना चाहते थे। जिससे यादव और मुस्लिम वोट अपने नाम किया जा सके। लेकिन इस बार ओवैसी की भी नजर इन सीटों पर है। ऐसे में मामला इधर का उधर हो सकता है।