जशपुर : हाथी के हमले में 72 वर्षीया वृद्धा की मौत हो गई। घटना के समय वह शौच के लिए गांव के पास स्थित जंगल में गई हुई थी। इसी दौरान उसका सामना जंगल में डेरा जमाए हाथियों के दल से हो गया। घटना की सूचना पर वनविभाग ने पीड़ित परिवार को 25 हजार रूपये की तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराई है। मुआवजा प्रकरण बनाने के लिए अधिकारी कार्रवाई में जुटे हुए है। घटना जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के बालाझर पंचायत के आश्रित ग्राम पंडरीपानी बथानपारा की है।
जानकारी के अनुसार पार्वती बाई पति बोडरो (72) रविवार की सुबह लगभग 5 बजे शौच करने के लिए गांव के पास स्थित जंगल में गई हुई थी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान उसका सामना गांव के सिरकी नदी के पास बीते 1 माह से जंगल में डेरा जमाए हुए 7 हाथियों के दल से हो गया। हाथियों के दल को देख कर वृद्धा ने भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। लेकिन हाथी ने सूड़ में लपेटकर उसे जमीन में पटक कर कुचल दिया। वृद्धा की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हाथियों के दल को सरगुजा के सीतापुर के जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होनें स्थानीय रहवसियों से अपील किया है कि हाथियों के दल के रहने के दौरान जंगल की ओर ना जाएं और हाथियों से छेड़छाड़ ना करें। इससे हाथी अधिक आक्रामक हो जाते हैं। जिससे जन और संपत्ति हानि होने की आशंका अधिक रहती है।
6 साल में 89 जिलेवासियों की मौत –
विधानसभा के बजट सत्र में पत्थलगांव की विधायक गोमती साय द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच जशपुर जिले में हाथियों के कुचले जाने से 89 लोगों की मौत की घटनाएं हो चुकी है। उन्होनें बताया कि मृतकों के स्वजनों को 5 करोड़ 58 लाख 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार प्रश्नांकित वर्षो में सबसे अधिक 20 मौत,वर्ष 2019 20 में हुई थी।
समस्या से निबटने के लिए इस तरह किए जा रहे प्रयास
वन मंत्री केदार कश्यप ने विधायक गोमती साय के प्रश्न का लिखित उत्तर में बताया है कि जशपुर जिले में हाथी की गंभीर समस्या से निबटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होनें बताया कि हाथी विचरण का लोकेशन इंटरनेट मिडिया और मुनादी के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में उपलब्ध करा,लोगों को सचेत किया जाता हे।गजराज दल और हाथी मित्रदल के माध्यम से हाथियों के हलचल की निगरानी,,आकाशवाणी से हाथियों के हलचल की जानकारी उपलब्ध कराना,हाथी सहित सभी वन्य प्राणियों के लिये कारिडोर क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाना और चारा उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि हाथियों को आबादी क्षेत्र में रोके रखा जा सके।
बजट सत्र में विधायकों ने उठाया मामला
जिले में साल दर साल गहराते जा रहे हाथी समस्या का मामला,विधानसभा के चालू बजट सत्र में जोरशोर से उठा है। पत्थलगांव की विधायक गोमती साय और जशपुर की विधायक रायमुनि भगत ने इस मामले का प्रश्नकाल में उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। उल्लेखनीय है कि ओडिशा और झारखंड की अंर्तराज्यीय सीमा पर स्थित जशपुर जिले के 8 में से 6 ब्लाक हाथी प्रभावित क्षेत्र के दायरे में आ चुके हैं। इससे साल दर साल जन और संपत्ति हानि का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
जिले में हाथियों से हुई जनहानि व वितरित मुआवजा
वर्ष जनहानि मुआवजा
2018-19 09 32 लाख 25000
2019-2020 20 1 करोड़ 12 लाख
2020-21 17 1 करोड़ 56 लाख
2021-22 11 66 लाख
2022-23 17 1 करोड़ 2 लाख
2023-24 15 90 लाख
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